
पिछले 2 साल से लगातार 'आजतक' ने खुलासा किया है कि किस तरीके से बिहार में टॉपर्स घोटाला हो रहा है जिसकी वजह से नीतीश कुमार सरकार कटघरे में खड़ी है? पिछले साल 'आजतक' ने दिखाया किस तरीके से इंटरमीडिएट की परीक्षा में साइंस और आर्ट्स टॉपर को अपने विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और इस साल भी इंटरमीडिएट के आर्ट्स टॉपर को अपने विषय संगीत के बारे में भी कोई अता पता नहीं था जिसमें उसने सबसे ज्यादा अंक पाए थे.
सवाल केवल नीतीश कुमार सरकार पर ही नहीं बल्कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर भी उठ रहे हैं जो राज्य में मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं आयोजित करता है. ऐसे में अगले साल से बिहार सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को किरकिरी नहीं झेलना पड़े. इसको लेकर बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव की जानकारी सोमवार को बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने दी.
आइए आपको बताते हैं कि 2018 से होने वाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पैटर्न में क्या-क्या बदलाव हुए.
- बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा में 50% प्रश्न ऑब्जेक्टिव होंगे.
- प्रत्येक ऑब्जेक्टिव प्रश्न 1-1 अंक का होगा, यानी कि 50 सवाल 50 अंक.
- ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के अलावा बाकी प्रश्न 2 और 5 अंक के होंगे.
- मैट्रिक परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के लिए ओएमआर उत्तर पत्रिका छात्रों को दिए जाएंगे जिस पर ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का उत्तर देना होगा.
अगले वर्ष होने वाले मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठने वाले छात्र इस नए बदलाव से वाकिफ हो जाए इसको लेकर भी बिहार बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है. परीक्षा पैटर्न में बदलाव आगामी सेंट अप परीक्षा से ही लागू कर दिए जाएंगे. बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर मानना है कि परीक्षा पैटर्न में बदलाव से ना केवल परीक्षा प्रणाली में सुधार आएगा बल्कि रिजल्ट भी बेहतर होंगे.