
बिहार सरकार ने सोमवार को जातिगत जनगणना के आंकड़ें जारी कर दिए. इन आंकड़ों के जारी होने के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों पर चर्चा के लिए मंगलवार सुबह सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि जाति आधारित जनगणना के बाद हम हर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर भी जनगणना करेंगे. कल हमने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में हम सभी के सामने बात रखेंगे. इस बैठक में सभी की राय लेने के बाद सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी.
क्या कहते हैं जातिगत जनगणना के आंकडे़ं?
बिहार सरकार ने सोमवार को राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें जारी किए हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.
सोमवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है. मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जारी की. बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.