Advertisement

बिहार: नहीं रुक रहा मौतों का सिलसिला, चमकी के खौफ से गांव छोड़ने को मजबूर लोग

मां-बाप के मन में खौफ है कि कहीं उनके बच्चे भी इसी बीमारी का शिकार ना हो जाएं. मुजफ्फरपुर के अलावा वैशाली के कई गांवों से भी लोग पलायन कर रहे हैं.

बिहार में चमकी बुखार का कहर! बिहार में चमकी बुखार का कहर!
सुजीत झा
  • पटना,
  • 19 जून 2019,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

बिहार में फैले जानलेवा चमकी बुखार का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. देखते ही देखते इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है और 113 बच्चों की जान लील ली है. अब ये खौफ इतना फैल गया है कि लोग अपना गांव छोड़कर जा रहे हैं. क्योंकि मां-बाप के मन में खौफ है कि कहीं उनके बच्चे भी इसी बीमारी का शिकार ना हो जाएं. मुजफ्फरपुर के अलावा वैशाली के कई गांवों से भी लोग पलायन कर रहे हैं.

Advertisement

ऐसी ही एक कहानी है वैशाली जिले के भगवानपुर ब्लॉक की. जहां हरवंशपुर गांव में चमकी बुखार की वजह से 6 बच्चों की मौत हो गई है. लाश की उम्र जितनी कम होती है, उतना ही दर्द उसे कंधों पर उठाने में होता है. हरवंशपुर की त्रासदी ये ही है.

गांव में 6 बच्चे दम तोड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई अभी तक सुध लेने नहीं आया है. इसी गांव के चतुरी सहनी के दो बेटों को ये बीमारी हुई, पहले बड़ा बेटा बीमार हुआ और फिर छोटा, और दोनों ने ही दम तोड़ दिया.

इसी घर से आगे बढ़ें तो राजेश सहनी का दर्द भी कुछ ऐसा ही है. उनकी 7 वर्ष की बेटी का जीवन भी इसी तरह खत्म हुआ. मुजफ्फरपुर के ही मेडिकल कॉलेज में उसकी मौत हो गई और जब बारी पार्थिव शरीर को ले जाने की आई तो घंटों अस्पताल में इंतजार भी करना पड़ा.

Advertisement

इस गांव में 6 बच्चों की जान चले जाने की वजह से यहां सूना पड़ा है. लोग अपने परिवारवालों को दूसरे गांव में भेज रहे हैं, ताकि वो इस बीमारी का शिकार ना हों. कुछ लोग मजबूरी में हैं, इसलिए गांव नहीं छोड़ पा रहे हैं. हालांकि, उनकी शिकायत है कि कोई उनकी सुध क्यों नहीं ले रहा है.

बताया जा रहा है कि वैशाली जिले में 17 बच्चों की मौत हुई है लेकिन इनमें से कई बच्चों को एईएस से मरने वाले बच्चों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. हरवंशपुर गांव के लोगों ने बताया कि इन्हें इस बीमारी की पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी. लेकिन जब ये घटनाएं होने लगीं तब आंगनबाड़ी की सेविकाएं उन्हें इस बीमारी के बचाव के बारे में बताने आई थीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement