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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलाई गई नक्सल प्रभावित राज्यों की मीटिंग में इस समीक्षा बैठक के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया.
असल में सुकमा हमले के बाद नक्सल विरोधी रणनीति के तहत गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई दस राज्यों की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार प्रशिक्षण एवं क्षमता बढ़ाने पर जोर देने की बात कर रही है, वहीं केंद्र सरकार प्रशिक्षण केंद्रों को वित्तीय सहायता देना बंद कर चुकी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि नक्सलियों से लड़ाई में केंद्र और राज्य दोनों को साथ-साथ आना होगा. ऐसा नहीं हो सकता है कि राज्य सरकारें लड़ाई के बीच में हों और केंद्र मात्र समीक्षात्मक भूमिका निभाए.
कुमार ने कहा कि पिछले साल से विशेष संरचना योजना, एकीकृत कार्य योजना को केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है जबकि हमें उम्मीद थी की केंद्र इन योजनाओं को मजबूत करते हुए संसाधन बढ़ाएगा.
नितीश कुमार ने यह भी कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति पर होने वाले खर्च का पूरा वित्तीय बहार राज्यों पर डालना भी युक्तिसंगत नहीं है राज्य की आवश्यकता का उचित ध्यान नहीं रखने से लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं होगी.