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लोकसभा चुनाव करीब आते ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर अपने पुराने बयान से पलट गए हैं. दरअसल बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब पीने के कारण 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान कर दिया है जिसे अब चुनाव देखते हुए उनका यूटर्न माना जा रहा है है. करीब चार महीने पहले दिसंबर में जहरीली शराब पीने की वजह से छपरा में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जिसमें उन्होंने मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया था.
जब विपक्ष ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की थी तो सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में कड़े शब्दों में इसका विरोध किया था. उन्होंने विधानसभा में कहा था कि जहरीली शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा.
जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने पर जब विपक्ष हमलावर हुआ तो उन्होंने विधानसभा में कहा था, 'जो गंदा शराब पीया, वो मर गया, उसको हमलोग मदद करेंगे, सवाल ही पैदा नहीं होता है.'
4 महीने में लिया यूटर्न
अब चार महीने बाद ही अपने इस फैसले पर सीएम नीतीश ने यूटर्न ले लिया है. मोतिहारी में जहरीली शराब से मौत होने के बाद सीएम ने 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान कर दिया लेकिन इसके लिए एक शर्त भी रख दी.
मुआवजा के लिए रखी ये शर्त
मुख्यमंत्री कुमार ने आगे कहा कि मृतक के परिजनों को मुआवजा तभी दिया जाएगा, जब उसके परिवार के सदस्य जिलाधिकारी को लिखित रूप में देंगे कि अवैध शराब के सेवन के बाद ही उनके परिजन की मौत हुई है. साथ ही उन्हें उस स्रोत का भी खुलासा करना होगा, जहां से शराब खरीदी गई थी.
सीएम नीतीश ने आगे कहा, 'मैं जानता हूं कि इस घटना में मरने वाले अधिकांश लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, राज्य में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और लोग नकली शराब पीने के कारण जान गंवा रहे हैं.'
बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में कथित जहरीली शराब के कारण 37 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है. मुआवजे की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी.