
बिहार में महागठबंधन के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और महागठबंधन के अंदर ही टकराव बढ़ता जा रहा है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और आरजेडी नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं. इस बीच आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी पर पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वह हर रोज पार्टी बदलते हैं. सुनील कुमार सिंह ने कहा, टजंगलराज पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन लालू यादव नहीं होते तो जेल में होते.
अशोक चौधरी ने दिया था ये बयान
दरअसल अशोक चौधरी का नाम कांग्रेस नेता राजो सिंह की हत्या में आया था. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि अशोक चौधरी कई घाट का पानी पी चुके हैं और उन्होंने विधानमंडल में राबड़ी देवी को अपमानित किया था. सुनील कुमार ने कहा कि अशोक चौधरी नीतीश कुमार को भी धोखा देंगे. आपको बता दें कि अशोक चौधरी ने जंगलराज की याद दिलाई थी और आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह पर बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगाया था. इसी को लेकर अब सुनील सिंह ने मंत्री चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोला है.
मंत्री और सचिव में टकराव
इससे पहले बिहार महागठबंधन में ताजा तकरार तब शुरू हुई थी जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब एक महीने पहले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक को शिक्षा विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया. शिक्षा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव का पदभार संभालने के साथ ही केके पाठक ने बिहार की बदहाल शिक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए सबसे पहले शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव करते हुए डोमिसाइल नीति के प्रावधान को कैबिनेट के फैसले के जरिए समाप्त करवाया और उसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जींस और टीशर्ट पहनकर ऑफिस आने पर बैन लगा दिया.
माना जा रहा है कि केके पाठक के इस फैसले से आरजेडी कोटे से आने वाले शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर नाखुश थे. केके पाठक के रवैए से नाराज होकर शिक्षा मंत्री के निजी सचिव कृष्ण नंदन यादव ने 4 जुलाई को मंत्रीजी की ओर से एक शिकायती पत्र केके पाठक को लिखा और उनके कामकाज के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए. केके पाठक को लिखे गए शिकायती पत्र का नतीजा यह निकला कि उन्होंने अगले दिन से कृष्ण नंदन यादव की एंट्री शिक्षा विभाग के सभी दफ्तरों में बैन लगा दी. इससे चंद्रशेखर और केके पाठक विवाद और बढ़ गया.
विपक्षी एकता की दूसरी बैठक से पहले बढ़ी तनातनी
दिलचस्प है कि 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरे राउंड की बैठक होनी है और उससे पहले बिहार में मंत्री बनाम आईएएस अधिकारी की तकरार को लेकर जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच में तनातनी देखी जा रही है.
इससे पहले 23 जून को विपक्षी दलों की पटना में हुई पहले राउंड की बैठक से कुछ दिन पहले बिहार महागठबंधन को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा झटका दिया था, जब उनके मंत्री बेटे संतोष मांझी ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा महागठबंधन से अलग हो गई थी. जीतन राम मांझी और संतोष मांझी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उन पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय जनता दल यूनाइटेड के साथ करने के लिए दबाव बना रहे थे, जिसके विरोध में उन्होंने महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया.