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बिहार कोरोना टेस्टिंग घपला: क्यों 13 लोगों के नाम पर लिखा एक मोबाइल नंबर? डाटा ऑपरेटर ने बताया

जमुई के सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोविड-19 जांच हुआ था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है

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रोहित कुमार सिंह
  • जमुई,
  • 12 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST
  • जमुई जिले के सिकंदरा सामुदायिक केंद्र पर गड़बड़ी
  • एक ही नंबर पर 13 लोगों के टेस्ट कर दिए गए
  • डेटा ऑपरेटर ने कहा 'लोग नंबर नहीं देते थे तो लिख देता था'

बिहार में कोविड-19 टेस्टिंग में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. आजतक को जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, उसके मुताबिक 16, 18 और 25 जनवरी को जमुई जिले के सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 183 लोगों की जांच हुई. हैरान करने वाली बात यह है कि सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोविड-19 जांच हुआ था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. (91######74).

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आजतक ने जब इस पूरे मामले की तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि यह मोबाइल नंबर धर्मेंद्र कुमार नाम के एक व्यक्ति का है. तफ्तीश को जब आगे बढ़ाया गया तो पता चला कि धर्मेंद्र कुमार सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एक कर्मचारी है.

इस जानकारी के बाद आज तक की टीम धर्मेंद्र कुमार की तलाश करते हुए सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गई जहां पर वह मौजूद था. आजतक की टीम ने जब धर्मेंद्र कुमार से सवाल-जवाब शुरू किया और पूछा कि आखिर कैसे उसका मोबाइल नंबर 13 लोगों के नाम के साथ जोड़ा गया है ? तो अपने बचाव में धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उसे इस बात की जानकारी थी कि उसका मोबाइल नंबर कई लोगों के नाम के साथ जोड़ा गया है और इसकी शिकायत उसने अपने आला अधिकारियों से भी की थी मगर किसी ने भी उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया.

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धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि इस पूरे गड़बड़ झाले में बड़ी गलती उस डाटा ऑपरेटर की है जो लोगों के नाम और मोबाइल नंबर को कंप्यूटर पर लोड कर रहा था. धर्मेंद्र कुमार ने कहा, “मेरी कोई गलती नहीं है, मैंने कई बार इसकी शिकायत भी की मगर किसी ने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया. मुझे इस बात की जानकारी थी कि मेरा मोबाइल नंबर कई लोगों के नाम के साथ जोड़ा गया है”.

इसके बाद जांच को आगे बढ़ाते हुए धर्मेंद्र कुमार की मदद से आजतक की टीम उस डाटा ऑपरेटर अविनाश कुमार तक पहुंच गई जिसने सभी नाम और मोबाइल नंबर को कंप्यूटर पर चढ़ाया था. आजतक ने जब अविनाश कुमार से भी सवाल जवाब किया तो उसने बताया कि उसी ने धर्मेंद्र कुमार का मोबाइल नंबर कई लोगों के नाम के साथ जोड़ दिया था. अपने बचाव में उसने कहा कि कई लोग अपना मोबाइल नंबर नहीं लिखवा कर जाते थे और इसी कारण से वह धर्मेंद्र कुमार का मोबाइल नंबर उन लोगों के नाम के साथ जोड़ दिया करता था. डाटा ऑपरेटर अविनाश कुमार ने कहा “मुझे किसी ने ऐसा करने के लिए कहा नहीं था, किसी का दबाव भी नहीं था मगर मैं फिर भी धर्मेंद्र कुमार का मोबाइल नंबर कई लोगों के नाम के साथ जोड़ दिया करता था”

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आजतक की टीम ने इस पूरी हेराफेरी को लेकर सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. साजिद हुसैन से भी बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी गड़बड़ी की जानकारी मिली है और इसके लिए उनकी तरफ से पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है. डॉ. हुसैन बताते हैं कि कोविड-19 जांच को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से लगातार दबाव आता था मगर इसका यह मतलब नहीं था कि गलत तरीके जांच हुई है यह दिखाया जाए.

सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. साजिद हुसैन ने कहा कि “जांच में गड़बड़ी की जानकारी हमें मिली है और इसकी जांच करवाई जा रही है. इस पूरे मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सरकार की तरफ से लगातार जांच में तेजी का दबाव बना रहता था मगर इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम लोग गलत तरीके से जांच की संख्या को बढ़ाकर दिखाएं”

 

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