
बिहार का पूर्णिया इन दिनों चर्चा के केंद्र में है. यहां के बायसी थाना के मझुवा गांव में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने महादलित बस्ती में आग लगा दी, जिसमें कई घर जलकर राख हो गए. इस दौरान एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. गांव के तनाव भरे हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.
इस घटना के बाद से बिहार की राजनीति गरमाई हुई है. बीजेपी ने जहां आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी की मांग की है, तो आरजेडी ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. हिंदूवादी संगठन भी एक्टिव हो गए हैं.
जानें क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि 19 मई की रात एक पक्ष के सैकड़ों लोग मझुवा गांव के महादलित बस्ती आ धमके और ग्रामीणों पर हमला बोल दिया. देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई. जिसने खूनी रूप ले लिया. इस झड़प में पूर्व चौकीदार नेवालाल राय की मौत हो गई. इसके साथ ही एक दर्जन ग्रामीण घायल हो गए.
दर्जनों घरों को किया आग के हवाले
गांव पर हमला बोलने वाले पक्ष ने महादलित टोला के मझुवा के एक दर्जन से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया. जिसके बाद आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया गया. किसी तरह घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. इस घटना में कई मवेशियों की भी जलकर मरने की खबर है.
मौके पर पंहुचे आलाधिकारी
वहीं मामले की सूचना मिलते ही बायसी एसडीओ अमरेंद्र कुमार पंकज, बायसी एसडीपीओ मनोज राम, प्रखंड विकास पदाधिकारी अनित कुमार, जोनल अधिकारी प्रभात रंजन, बायसी थाना प्रभारी थाना अध्यक्ष अमित कुमार व कई और थाने के पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच गए. अधिकारियों ने हमला करने वाले पक्ष पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
वहीं घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करावाया. मृतक चौकीदार के शव को बायसी पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया भेज दिया. पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, घटना के बाबत वरिष्ठ पदाधिकारियों से संपर्क साधने की सारी कोशिशें बेकार रहीं.
पूर्णिया की घटना पर जिला प्रशासन का बयान
उधर, पूर्णिया की घटना पर जिला प्रशासन का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक समुदाय विशेष को लेकर भ्रांति फैलाई जा रही है कि आरोपी कहीं बाहर से आये थे, जबकि ऐसा नहीं है. प्रशासन का दावा है कि आरोपी और पीड़ित दोनों पक्ष स्थानीय निवासी हैं.
स्थानीय लोगों की बीच ही हुई थी झड़प
प्रशासन के मुताबिक, 19 मई की रात पूर्णिया के बायसी अंचल अंतर्गत खपड़ा पंचायत के नियामतपुर गांव के दलित टोले में 13 घरों में 100-150 लोगों ने मारपीट और आगजनी की थी. इस घटना में सेवानिवृत्त चौकीदार नेवीलाल राय की मौत हो गई थी. 20 मई को बायसी थाने में 3 FIR दर्ज हुई और अब तक 2 नामजद लोगों की गिरफ्तारी हुई. जबकि बाकियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.
प्रशासन ने दिया पीड़ितों को मुआवजा
इस बीच प्रशासन ने सभी पीड़ित परिवारों को सूखा राशन और पॉलीथिन उपलब्ध कराते हुए प्रति परिवार 9800 रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि दी है. इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के तहत सभी पीड़ितों को प्रति व्यक्ति 2 लाख का 25 फीसदी यानी 50000 रुपये की दर से पहली क़िस्त उपलब्ध कराई. वहीं मृतक के परिजनों को 8.25 लाख का 50 फीसदी दिए जाने की स्वीकृति दी गई. जिला प्रशासन ने कहा कि बाकी राशि चार्जशीट दाखिल होने पर दी जाएगी.
जिला प्रशासन ने आगे बताया है कि पीड़ितों को दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्हें आवास देने की कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन के मुताबिक घटनास्थल पर कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद है.
पूर्णिया की घटना पर BJP का आरोप
इस बीच पूर्णिया की घटना पर BJP ने आरोप लगाया कि 200-300 मुस्लिम समुदाय के लोगों ने महादलित लोगों के 23 घरों में आग लगाई. यही नहीं मुस्लिमों ने महादलितों से मारपीट की और महिलाओं से अभद्र व्यवहार भी किया. BJP ने दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी और स्पीडी ट्रायल कराकर सजा दिलाने की मांग की है. पीड़ित परिवारों को सुरक्षा और उचित मुआवजा दिए जाने की मांग भी की.
विश्व हिंदू परिषद के विनोद बंसल ने कहा कि पूर्णिया में बुधवार की आधी रात को हिंदू दलितों पर इस्लामिक आक्रमण हुआ, महिलाओं के सिर फोड़े बच्चों पर हमले किये. लेकिन सेक्युलर बिरादरी गहरी तन्द्रा में है.
तेजस्वी ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना
उधर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी पूर्णिया की घटना पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि में उग्र भीड़ द्वारा गरीबों और महादलितों के घर जला उनके साथ मारपीट की गयी. यह दर्दनाक व शर्मनाक घटना बिहार की नीतीश सरकार पर कलंक है. तेजस्वी ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. सरकार अविलंब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर पीड़ितों को पक्का घर व मुआवजा प्रदान करे.