
बिहार की होम गार्ड और फायर सर्विसेज की डीजी शोभा ओहटकर पर गंभीर आरोप लगाने वाली उनके ही विभाग की डीआईजी अनुसुइया रणसिंह का ट्रांसफर कर दिया गया है. बता दें कि अनुसुइया ने ओहटकर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. शोभा ओहटकर के खिलाफ ऐसा ही मामला छह महीने पहले आया था, जब तत्कालीन होम गार्ड और फायर सर्विसेज विभाग के डीआईजी विकास वैभव ने ट्रांसफर से पहले उन पर इसी तरह के आरोप लगाए थे.
डीआईजी अनुसूया सिंह ने इसको लेकर एक पत्र लिखा था, जिसकी कॉपी बिहार के मुख्य सचिव और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) को भेजी गई थी. इसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था. इस पत्र में आईपीएस अधिकारी ने दावा किया है कि जब जब राज्य सरकार ने फायर सर्विसेज के रूप में उपयोग के लिए 138 वाहन खरीदने का टेंडर निकाला था तो उसमें स्पष्ट रूप से घोटाला चल रहा था.
डीआइजी साहू ने पत्र में आरोप लगाया कि जब उन्हें कुछ आगामी कागजी कार्रवाई की समीक्षा करने का काम सौंपा गया था, तो सरकारी पोर्टल पर जारी तीन बोलियों के माध्यम से बिल्कुल समान विशिष्टताओं के वाहनों को आमंत्रित किया गया था.
DIG ने मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी
डीआइजी ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने डीजी ओहटकर से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया क्योंकि वह उस समय छुट्टी पर थीं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ओहटकर की अनुपस्थिति में डीआईजी ने राज्य वित्त विभाग के नोडल अधिकारी से संपर्क करने का दावा किया, जिन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि इस टेंडर में करीब साढ़े छह करोड़ की गड़बड़ी हुई है.
DIG ने शोभा ओहटकर पर लगाए आरोप
साहू ने ओहटकर को वाट्सएप पर वित्त विभाग के विशेषज्ञ की प्रतिक्रिया के बारे में बताया ताकि उनका ध्यान इधर आकर्षित हो. डीआईजी के वित्त विभाग से संपर्क करने से डीजी गुस्सा हो गईं और फिर उन्हें वापस बुलाया. पत्र में साहू ने आरोप लगाया कि इसके बाद फोन पर 90 मिनट से अधिक समय तक अपमानित किया. उन्होंने दावा किया कि इसमें करियर के लिए खतरा है. साहू ने दावा किया कि मानसिक प्रताड़ना की वजह से वह बेहोश हो गईं, जिसके बाद उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए जाना पड़ा.
पत्र में खुद को एसओएस कॉल बताते हुए उल्लेख किया गया है कि डीआईजी विकास वैभव समेत कई अन्य अधिकारियों का भी यही हश्र हुआ है. इस पत्र में अप्रैल 2023 से अगस्त 2023 के बीच साहू को जारी किए 8 कारण बताओ नोटिस के जवाब भी शामिल हैं.