
बिहार में बाढ़ और बारिश के चलते कई घर उजड़ गए और मौतों का सिलसिला जारी है. सूबे के दर्जनों जिले बाढ़ की भयावह त्रासदी झेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री बाढ़ में जान गंवाने वालों को लेकर बेहद संवेदनहीन बयान दे रहे हैं. बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय का कहना है कि मौत तो मौत है, मौत अपने से नहीं होती है. मौत चाहे किसी भी कारण से हो, लेकिन मौत स्वाभाविक चीज है.
उन्होंने कहा कि बिहार में बाढ़ एक आपदा है. लिहाजा आपदा को आपदा मानिए. इस दौरान लक्ष्मेश्वर राय ने दावा किया कि बिहार में बाढ़ प्रभावित ऐसा कोई गांव नहीं है, जहां मदद न पहुंचाई गई हो. बिहार पहला ऐसा राज्य है, जहां बाढ़ से परिवार के मुखिया की मौत होने पर 4 लाख रुपये की मदद दी जाती है.
बिहार के किशनगंज में बाढ़ को लेकर अधिकारियों और नेताओं के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि बिहार में बाढ़ राहत कार्य बहुत अच्छा रहा. नीतीश राज में कोई ऐसा बाढ़ प्रभावित गांव नहीं है, जहां पर सरकारी स्तर पर राहत न पहुंचाई गई हो.
बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि जहां पर बाढ़ से परिवार के मुखिया की मौत हुई, वहां पर परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि पहुंचाई जा चुकी है. लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि नेपाल की नदियों की वजह से सीतामढ़ी और मधुबनी में बाढ़ का प्रकोप ज्यादा है. हालांकि नीतीश सरकार आपदा को लेकर हर जगह चौकस और सजग है. जिस इलाके के लोग बाढ़ प्रभावित हुए हैं, उनको खाने, पीने समेत हर मदद पहुंचाई जा रही है.
उन्होंने बताया कि किशनगंज में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुल और पुलिया की मरम्मत कर दी गई है. कुछ गांव की पुलिया की मरम्मद रह गई है, उनको जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाएगा. आपदा प्रभावित लोगों को दी जाने वाली 6 हजार रुपये की राशि बांटी जा रही है.