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बिहार में रामचरितमानस पर महाभारत क्यों? नीतीश के मंत्री पर भड़के BJP नेता

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पटना में नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला और समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया. बयान देने के बाद जब उनसे इस संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहे गए अपने शब्दों को सही बताया.

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 12 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के 'रामचरितमानस' पर दिए विवादित बयान को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. बीजेपी ने बयान को 'वोट बैंक का उद्योग' बताते हुए महागठबंधन सरकार पर निशाना साधा है. तो वहीं कवि कुमार विश्वास ने नीतीश कुमार से 'अशिक्षित शिक्षामंत्री को अविलंब शिक्षा देने की बात कही. उधर चारों तरफ से घिरता देख राजद ने खुद को इस बयान से दूर कर लिया है. राजद ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का ये निजी बयान है. 

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दरअसल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पटना में नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला और समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया. बयान देने के बाद जब उनसे इस संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहे गए अपने शब्दों को सही बताया.

क्या कहा बिहार के शिक्षा मंत्री ने?

दीक्षांत समारोह के बाद जब चंद्रशेखर से उनके बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं. रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं. यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं. एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं. नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी. देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी.''

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बीजेपी ने साधा निशाना

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, ''बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा 'रामचरितमानस' नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को 'नफरत की जमीन' बताया था. यह संयोग नहीं है. यह वोट बैंक का उद्योग है 'हिंदू आस्था पर करो चोट, ताकि मिले वोट', सिमी और पीएफआई की पैरवी, हिंदू आस्था पर चोट.'' क्या कार्यवाही होगी?
 
बीजेपी विधायक नीरज कुमार बब्लू ने कहा, शिक्षा मंत्री ही इस तरह का बयान देंगे तो बिहार में शिक्षा का क्या होगा? आप समझ सकते है कि इस राज्य सरकार का एक शिक्षा मंत्री किस तरह का विवादित बयान देता है. हम लोगों के वर्षों पुराने धार्मिक ग्रंथ पर ये बयान हिन्दू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है. मुझे लगता है कि इन लोगों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और किसी विशेष धर्म को खुश करने के लिए अनाप सनाप बयान देते हैं. अगर ऐसा बयान देंगे तो हिन्दू धर्म के लोग भी पूछेंगे कि रामचरित्र मानस अगर गलत है तो आप कौन से धर्म के लोग हो?

कुमार विश्वास बोले- शिक्षा मंत्री को शिक्षित करने की जरूरत

कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा, ''आदरणीय नीतीश कुमार जी. भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है. आपका मेरे मन में अतीव आदर है. इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं. इन्हें 'अपने अपने राम' सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो.

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नीतीश कुमार बोले- मामले की जानकारी नहीं

शिक्षा मंत्री के बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने उनका बयान नहीं सुना है. उनसे पूछेंगे कि उन्होंने कहां और क्या बोला?

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शिक्षा मंत्री द्वारा दिये गए रामचरितमानस के बयान पर कहा कि ये उनकी निजी प्रतिक्रिया है. पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस पर सिर्फ बीजेपी का कॉपीराइट नहीं है. 

(इनपुट- सुजीत कुमार गुप्ता)
 

 

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