
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में संपत्ति का ब्योरा छिपाने को लेकर रोसड़ा थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है. हसनपुर के निर्वाची पदाधिकारी ब्रजेश कुमार ने आवेदन देकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125A के तहत गलत शपथ पत्र दाखिल करने को लेकर केस दर्ज कराया है.
बता दें कि तेजप्रताप यादव 2020 में हो रहे विधानसभा चुनाव में हसनपुर क्षेत्र से 13 अक्टूबर 2021 को भरे नामांकन पर्चा के साथ उन्होंने अपने अचल संपत्ति का ब्योरा शपथ पत्र संलग्न किया था. इसी शपथ पत्र को आधार बनाकर प्रदेश जदयू ने चुनाव आयोग में तेजप्रताप यादव के द्वारा अचल संपत्ति छिपाने की शिकायत दर्ज कराई थी.
शिकायत के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार ने इसकी जांच के लिए भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेज दिया था. भारत निर्वाचन आयोग ने इसकी जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से कराई, जिसमें पाया गया कि तेजप्रताप यादव द्वारा दिए गए शपथ में दी गई जानकारी गलत है.
सीबीडीटी की जांच के बाद मामले का हुआ खुलासा
रोसड़ा थाना में दर्ज केस के अनुसार, प्रदेश जदयू की शिकायत के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने जब इसकी जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से कराई तो ये बात सामने आई कि बिहार विधानसभा निर्वाचन 2015 और 2020 के लिए तेजप्रताप यादव की ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्रों के बीच परिसंपत्तियों (चल व अचल) में 82,40867 रुपये की वृद्धि हुई, जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2016-20 तक आयकर विवरण के हिसाब से कुल आय 22,76220 रुपये बनती है. तेजप्रताप यादव के नाम पर गोपालगंज में जो जमीन सब रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड में पंजीकृत है. तेजप्रताप यादव के द्वारा 2020 के चुनाव में दिए गए शपथ पत्र से मेल नहीं खाता है.
कारण बताओ नोटिस का नहीं दिया जवाब
शपथ पत्र में गलत जानकारी देने को लेकर चुनाव आयोग के द्वारा हसनपुर 140 के विधायक तेजप्रताप यादव को कारण बताओ नोटिस भेजा गया, जिसमें तेजप्रताप यादव को नोटिस मिलने के तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया था, लेकिन तेजप्रताप यादव ने निर्धारित समय सीमा के अंदर इसका जवाब नहीं दिया. इसके बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी के पत्र के तहत हसनपुर 140 के निर्वाची पदाधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. हसनपुर के निर्वाची पदाधिकारी सह प्रभारी डीसीएलआर ब्रजेश कुमार ने रोसड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.