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बिहार: मधुबनी-झंझारपुर के पास कमला नदी का बांध टूटा, सैकड़ों लोग फंसे

किशनगंज और नेपाल के तराई इलाकों में कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से जिले में बहने वाली सभी नदियां उफान पर हैं. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं.

बिहार में भारी बारिश के बाद बाढ़ का खतरा (फोटो-IANS) बिहार में भारी बारिश के बाद बाढ़ का खतरा (फोटो-IANS)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 14 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

बिहार के हर हिस्से में प्रचंड बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. मूसलाधार बारिश ने बिहार के ज्यादातर शहरों को दरिया में तब्दील कर दिया है. भारी बारिश से बिहार में बहनेवाली नदियों में पानी तेजी से बढ़ रहा है जिससे बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. लगातार बारिश के चलते नेपाल से निकलने वाली नदियां उफान पर हैं. इससे कोसी क्षेत्र में खतरा बढ़ गया है. वहीं, गंगा समेत दूसरी नदियों में बढ़ता पानी खतरे की घंटी बजा रहा है. मधुबनी-झंझारपुर के पास कमला नदी का बांध टूट गया है जिससे सैकड़ों लोग गांव में फंस गए हैं.

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किशनगंज और नेपाल के तराई इलाकों में कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से जिले में बहनेवाली सभी नदियां उफान पर हैं. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. शिवहर में जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के आवास में पानी घुस गया है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए रविवार तक सभी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है.

कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जलस्तर के अधिकतम डिस्चार्ज को देखते हुए जल संसाधन विभाग के निर्देश पर कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं. बराज पर इंजीनियर की टीम लगातार कैंप कर रही है. खतरे को देखते हुए बराज कंट्रोल रूम के पास लाल बत्ती जला दी गई है. कई हजार लोग विस्थापित बताए जा रहे हैं.

दरभंगा पर खतरा मंडराया

उधर बारिश की मार से बेहाल दरभंगा शहर पर अब बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बागमती नदी के किनारे बने तटबंध में बड़ी दरार आ गई है जिससे लोग दहशत में हैं. दरअसल, बांध के अचानक धंसने से करीब 200 फीट के इलाके में बांध की दीवार पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. ऐसे में पानी बढ़ते ही दरभंगा शहर भीषण बाढ़ की चपेट में आ सकता है. सरकारी तंत्र भी बांध में दरार की खबर मिलते ही एक्शन में आ गया है. यहां तक कि बांध पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है.

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पिछले हफ्ते भर से हो रही मूसलाधार बारिश ने बिहार के ज्यादातर शहरों का हाल बेहाल कर दिया है. बिहार के उत्तरी हिस्सों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे राज्य के कम से कम छह जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच, राज्य के कई स्थानों पर रेल पटरियों पर पानी चढ़ जाने से रेल यातायात बाधित हुआ है. राज्य में भारी बारिश कोसी और सीमांचल के क्षेत्रों में तबाही लेकर आई है. कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी

वीरपुर बैराज के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, शनिवार को कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. शनिवार तीन बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.88 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जबकि चार बजे यह बढ़कर 3. 07 लाख क्यूसेक पहुंच गया. नेपाल में भारी बारिश से गंडक बैराज का भी जलस्तर बढ़ गया है.

इधर, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया, "राज्य के छह जिले शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया और किशनगंज के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है. राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं." उन्होंने कहा कि विभाग पूरी तरह अलर्ट है.

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इधर, अररिया और पूर्णिया के इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. वहां एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है. वहीं भारी बारिश के चलते नेपाल से निकलने वाली नदियों ने चंपारण में तबाही मचानी शुरू कर दी है. लालबकेया, बागमती और बूढ़ी गंडक ने चंपारण, शिवहर और मुजफ्फरपुर के कई गांवों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. पूर्वी चंपारण के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

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