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बिहार में कुदरत के कहर से आज भी राहत नहीं, 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

बिहार के 14 जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है. पटना और दरभंगा के स्कूल बंद हैं. बिहार में अलग-अलग हादसों में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.

बारिश के कारण पटना की सड़कों पर नाव चल रही है (फाइल फोटो-PTI) बारिश के कारण पटना की सड़कों पर नाव चल रही है (फाइल फोटो-PTI)
रोहित कुमार सिंह/सुजीत झा
  • पटना,
  • 30 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

  • अलग-अलग हादसों में अब तक 25 लोगों की मौत
  • पटना और दरभंगा के स्कूल आज और कल रहेंगे बंद

बिहार में आई बरसाती बाढ़ से क्या आम और क्या खास सब डूब गए. राजधानी पटना के कई इलाकों में मकानों की पहली मंजिल आधे से ज्यादा डूब चुकी है. सड़कों पर नाव चल रही है. बिहार के 14 जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है. पटना और दरभंगा के स्कूल बंद हैं. बिहार में अलग-अलग हादसों में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.

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मौसम विभाग ने बिहार के 14 जिलों में आज बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, उनमें सुपौल, अररिया, किशनगंज, बांका, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, वैशाली और मुंगेर शामिल है. जबकि पटना, गोपालगंज, शेखपुरा, चंपारण, सीवान समेत बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.

पटना के रेलवे ट्रैक पर जमा हुआ पानी

लगातार हो रही बारिश के कारण पटना में ट्रैक पर पानी जमा है. रविवार को भी 13 ट्रेनें रद्द हुईं. आज भी खतरा बना हुआ है. हैरानी की बात है कि पटना का ये हाल सिर्फ दो दिनों की बारिश में हुआ. जहां गाड़ियां फर्राटा भरती थीं. वहां या तो नाव तैर रही हैं या पानी में आधे डूबे लोग चल रहे हैं.

राजेंद्र नगर में स्थिति भयावह, सड़क पर चल रही नाव

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पटना के राजेंद्र नगर की स्थिति काफी भयावह है. पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से इतना पानी इस इलाके में जमा हो गया कि लोगों ने कभी सपने में नहीं सोचा था. 1996-97 में राजेंद्र नगर में नाव चली थी. 1975 में पटना में जो बाढ़ आई थी ठीक वैसा ही नजारा राजेंद्र नगर में दिख रहा है. यहां बचाव दल नाव पर सवार होकर लोगों की मदद में जुटे हैं.

नीतीश कुमार बोले- ये आपदा प्राकृतिक है

बिहार में आई बाढ़ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेतुका बयान दिया . नीतीश ने कहा कि ये स्थिति किसी के हाथ में नहीं होती, ये आपदा प्राकृतिक है. मौसम विभाग भी सुबह कुछ कहता है और दोपहर में कुछ होता है. पीने का साफ पानी मुहैया कराने के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं.

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