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बिहार में बाढ़: समस्तीपुर-दरभंगा रेल मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही रोकी गई

समस्तीपुर रेलमंडल के हायाघाट स्टेशन के पास पुल नंबर 16 पर बाढ़ का पानी आ गया. इस वजह से आधा दर्जन ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है.

बिहार में बाढ़ (IANS) बिहार में बाढ़ (IANS)
aajtak.in
  • पटना,
  • 28 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST

बिहार के दर्जनभर से ज्यादा जिलों में बाढ़ का तांडव जारी है. इस बीच बाढ़ के कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेल मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है.

रेलवे के मुताबिक, समस्तीपुर रेलमंडल के हायाघाट स्टेशन के पास पुल नंबर 16 पर बाढ़ का पानी आ गया. इस वजह से आधा दर्जन ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया, जबकि कई ट्रेनों के रूट में परिवर्तन किया गया है.

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इन ट्रेनों को किया गया कैंसिल

1- 75225 समस्तीपुर-रक्सौल पैसेंजर

2- 75207 समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर पैसेंजर

3- दरभंगा-समस्तीपुर पैसेंजर

4- जयनगर कटिहार मनिहारी एक्सप्रेस

5- जयनगर पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस

6- पटना-जयनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस

इन ट्रेनों का बदला गया रूट

1- दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस  

2- रक्सौल- हैदराबाद एक्सप्रेस

3- अहमदाबाद- दरभंगा जनसाधारण एक्सप्रेस

4- जयनगर अमृतसर एक्सप्रेस

5- कोलकाता सीतामढ़ी एक्सप्रेस

6- सीतामढ़ी-कोलकाता

बिहार का उत्तरी हिस्सा पिछले करीब एक पखवाड़े से बाढ़ से बेहाल है. कई सड़कें पानी से लबालब भरी हैं तो खेत जलमग्न हो गए हैं. घरों के भीतर पानी बह रहा है तो बाजार और गलियां बंद हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग या तो ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं या फिर अपने घरों में 'कैद' होकर रह गए हैं.

राज्य में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रही हैं. इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री बाढ़ से उपजी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, "बिहार के 13 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण में अब तक बाढ़ से 127 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 82 लाख 83 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं."

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जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार की तुलना में शनिवार को कमी आई है लेकिन बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई और महानंदा राज्य की अलग अलग जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

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