
कोरोना की दूसरी लहर में मौत के आंकड़ों को लेकर भी बिहार सरकार घिरी रही है. अब बिहार में सरकार के एक कदम ने सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. बिहार सरकार ने एक ऐसे अधिकारी का भी तबादला कर दिया, जिसकी कोरोना के कारण मौत हो चुकी है. इस मसले पर विवाद गहराया तो बिहार सरकार को अपनी चूक का एहसास हुआ और आनन-फानन में आदेश वापस लिया गया.
जानकारी के मुताबिक कृषि विभाग ने 29 जून को अधिसूचना जारी कर कृषि विभाग के 150 से ज्यादा अधिकारियों के तबादले किए थे. इन्हीं में से एक नाम पटना के नौबतपुर में प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पद पर तैनात रहे अरुण कुमार शर्मा का भी था. कृषि विभाग ने उनका ट्रांसफर भोजपुर जिले के चौगाई के प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पद पर किया था.
बताया जाता है कि जिन अरुण कुमार शर्मा का पटना के नौबतपुर से भोजपुर के चौगाई में तबादला किया गया था, वे कोरोना वायरस से संक्रमण की चपेट में आ गए थे. कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अरुण कुमार शर्मा का 27 अप्रैल को निधन हो गया था. अरुण शर्मा का निधन हुए दो महीने से अधिक समय गुजर गया लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण उनका भी तबादला कर दिया गया.
कृषि विभाग के जिन अधिकारियों का तबादला किया गया था, उस सूची में अरुण कुमार शर्मा का नाम देख हंगामा शुरू हुआ तो बिहार सरकार को अपनी भूल का एहसास हुआ. बिहार सरकार ने एक दूसरी अधिसूचना जारी कर अरुण कुमार शर्मा के तबादले को रद्द कर दिया है लेकिन विभागीय लापरवाही प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाती है.