
एक तरफ जहां दिल्ली-एनसीआर में बारिश हो रही है, तो दूसरी तरफ यूपी बिहार समेत कई राज्यों में हेट वेव से लोगों की जान जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार, यूपी, ओडिशा में भीषण गर्मी और लू से करीब 100 लोगों ने जान जा चुकी है. हार में पिछले 20 दिन से गर्मी सितम ढा रही है. इस महीने पारा 40 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रहा. सोमवार को भी प्रदेश में कई जगहों पर पारा 43 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा दर्ज किया गया, जबकि औरंगाबाद में अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. प्रदेश के 15 जिलों में हीट वेव चली.
वहीं भोजपुर में लू लगने से 24 घंटे में 5 लोगों की मौत हो गई है. आपदा प्रबंधन विभाग ने एक बयान में कहा कि शवों के पोस्टमॉर्टम में मौत के कारण हीट स्ट्रोक की पुष्टि हुई है. जिले के कुछ हिस्सों में दो और मौतें हुई हैं, लेकिन उनकी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट का इंतजार है." आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम ने कहा,‘पूरा राज्य इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है.
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थिति पर नजर रखी जा रही है. सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में तीव्र लू की स्थिति के कारण हुई किसी भी मौत की सूचना दें. हमने जिला अधिकारियों को यह भी सलाह दी है कि वे अपने-अपने जिलों में स्थिति की निगरानी करें.' बिहार में हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.
पटना में 18 जून को भीषण गर्मी के कारण 35 लोगों की मौत हो गई थी. जानकारी के कारण एनएमसीएच में 19 मरीजों तो पीएमसीएच में 16 मरीजों की मौत हो गई थी. वहीं बिहार के अन्य जिलों में लू लगने से 9 लोगों ने जान चली गई थी. बेगूसराय, सासाराम और नवादा में दो–दो लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा भोजपुर और औरंगाबाद में एक-एक शख्स की जान गई थी.
मौसम विभाग (IMD) ने 19 जून तक भीषण गर्मी का अलर्ट जारी किया था. भीषण गर्मी के कारण स्कूलों की छुट्टियां भी बढ़ा दी गई हैं. पटना में 24 जून तक सभी स्कूल बंद रहेंगे. पहले 19 जून को स्कूल खुलने वाले थे.
राज्य स्वास्थ्य समिति ने जनता से अपील की है कि वे बेवजह घर से न निकलें. समिति ने कहा कि कोशिश करें कि दोपहर 12 से तीन बजे तक घर में ही रहें. बाहर निकलने पर कपड़े से सिर को ढककर रखें. पानी पीते रहें.
वहीं समिति ने जिलों को निर्देश दिया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में लू से बीमार लोगों के इलाज के लिए पूरी तैयारी की जाए.
बिहार में आमतौर पर 10 जून को मॉनसून दस्तक दे देता है और 15 जून तक ये राज्य में पूरी तरह प्रवेश कर जाता है, लेकिन मौसमी गतिविधियों के चलते 20 जून तक भी मॉनसून नहीं पहुंच सका है. उम्मीद है कि दो-तीन दिन में यह बिहार पहुंच सकता है.
बिहार की तरह यूपी में भी हालात बुरे हैं. पिछले दिनों यूपी के बलिया जिले में भीषण गर्मी के कारण दर्जनों मरीजों की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक 15, 16 और 17 जून में फीवर, सांस फूलने जैसी वजहां से करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए थे, जिसमें 15 जून को 23, 16 जून को 20 और 17 जून को 4 बजे शाम तक 11 यानी कुल 54 मरीजों की मौत हो गई थी.
बिहार ही नहीं देश के कई राज्यों में हीटवेव चल रही है. मौसम विभाग ने 18 जून को बताया था कि यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा और तेलंगाना में गर्म हवाओं का प्रकोप बढ़ेगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के स्कॉलर रमित देबनाथ की स्टडी के मुताबिक भारत में गर्मी की वजह से 31 सालों में 24 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत का 90 फीसदी इलाका अत्यधिक गर्मी वाले खतरनाक जोन में आता है. भारत अधिक गर्मी को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है. हीटवेव को आपदा में शामिल करना होगा.
आईएमडी के मुताबिक, रुकी हुई हवा के कारण आमतौर पर हीट वेव चल रती है. उच्च दबाव प्रणाली हवा को नीचे की ओर ले जाती है. यह जमीन के पास हवा को बढ़ने से रोकती है. जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो लू या हीट वेव चलने लगती है. वहीं अगर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए, तो उसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है.