
बिहार में जहरीली शराब पीन से 65 लोगों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. सबसे ज्यादा मौतों का आंकड़ा छपरा का है, जहां 60 लोग शराब पीकर अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा है.
नोटिस में आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से इस पूरे प्रकरण में पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR की स्थिति, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों के चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को मुआवजे का विस्तृत ब्योरा मांगा है.
अपने नोटिस में आयोग ने लिखा है कि हमें राज्य सरकार के अधिकारियों से जल्द से जल्द प्रतिक्रिया की उम्मीद है. मतलब इस आदेशों के जारी होने के 4 सप्ताह बाद नहीं, पहले ही जवाब दिया जाए. इसके साथ ही आयोग ने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी है.
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए आयोग ने नोटिस में जिक्र किया है कि 15 दिसंबर 2022 को छपरा के महरौरा अनुमंडल के मशरख, ईशुआपुर और अमनौर थाना क्षेत्र के तीन गांवों में लोगों की अवैध रूप से बनी और बिकी शराब पीने से मौत की सूचना मिली है. पुलिस को शक है कि ग्रामीणों ने आसपास के इलाकों में आम दुकान से शराब खरीदी होगी. मृतक के परिजनों ने बताया है कि 50 से अधिक लोगों ने देशी शराब पी थी.
जहरीली शराब से कहां-कितनी मौतें?
बिहार में जहरीली शराब पीने से अबतक 65 लोगों की मौत हो चुकी है. छपरा में सबसे ज्यादा 60 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई है. इसके अलावा सीवान में 4 और अब बेगूसराय में एक शख्स की मौत हुई है. हालांकि बेगूसराय में जिस शख्स की मौत हुई है, वो दिल्ली से शराब लेकर गया था.
क्या कहा था सीएम नीतीश ने?
बिहार विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. नीतीश ने एक बार फिर कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.
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