Advertisement

'मेरी मां का निधन होने वाला है, मुझे छुट्टी दी जाए, टीचर्स के अनोखे एप्लीकेशन हो रहे वायरल

'मेरी मां का निधन होने वाला है, मुझे छुट्टी दी जाए.' 'मैं शादी समारोह में जाऊंगा और जमकर भोजन का लुत्फ लूंगा और पेट खराब होना लाजिमी है....4 और 5 को मैं बीमार रहूंगा, इसलिए छुट्टी दे दें..' छुट्टियों के लिए बिहार के स्कूल टीचर्स के ऐसे कई आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल हैं. पढ़िए ये रिपोर्ट...

शिक्षकों का आवेदन वायरल हुआ. शिक्षकों का आवेदन वायरल हुआ.
राकेश कुमार सिंह
  • जमुई ,
  • 03 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST

बिहार के शिक्षकों को अचानक किसी के दाह संस्कार में जाने की जरूरत आ पड़ी तो वो नहीं जा सकते. दाह संस्कार में जाने के लिए उनको तीन दिन पहले छुट्टी  लेनी होगी. अगर बिहार के शिक्षकों की तबीयत खराब हो गई तो छुट्टी नहीं मिलेगी. कारण है कि आपको तीन दिन पहले विभाग को सूचना देनी होगी कि बीमार होने वाले हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि शिक्षा विभाग का एक पत्र कह रहा है. शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए आदेश के बाद से बिहार में शिक्षकों के बीच हाय-तौबा मची है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Advertisement

दरअसल, बिहार सरकार का शिक्षा विभाग किसी न किसी कारण से हर वक्त चर्चा में बना रहता है. अब इस विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक के नाम से जारी एक आदेश के चलते शिक्षकों के आवेदन सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे हैं. 

शिक्षकों के अजीबोगरीब आवेदन

- एक शिक्षक ने स्कूल के हेडमास्टर को लिखा है, ''मेरी मां दिनांक 5.12.22 को मर जाएगी, इसलिए दाह संस्कार में भाग लेने के लिए 6.12.22 से छुट्टी दी जाए.''

- दूसरे ने आवेदन दिया है, ''दिनांक 4.12.22 से 5.12.22 तक बीमार रहूंगा, इसलिए इस अवधि के लिए आकस्मिक अवकाश देने की कृपा करें.''

- वहीं, इसी तरह तीसरा प्रार्थना पत्र है कि 7.12.22 को एक शादी समारोह में भाग लेने के कारण पेट खराब हो जाएगा, इसलिए उस तिथि से आकस्मिक अवकाश पर रहूंगा.'' 

Advertisement

आखिर क्यों लिखे जा रहे ऐसे आवेदन?

इस तरह  के आवेदन को देख आपको हंसी आ रही होगी कि बिहार के शिक्षक इस तरह के आवेदन आखिर क्यों लिख रहे हैं?  इसको जानने के लिए आपको मुंगेर प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक विद्या सागर सिंह की ओर से जारी पत्र पर गौर फरमाना होगा.

दरअसल, पत्र के चौथे कॉलम में उल्लेख किया गया है कि आकस्मिक अवकाश में जाने के तीन दिन पहले आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कराकर  ही कोई शिक्षक या कर्मी अवकाश पर रहेंगे. इसके बाद से शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है और इस आदेश को वापस करने की मांग कर रहे हैं. 

ये आदेश तुगलकी फरमान: शिक्षक संघ

बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने शिक्षा विभाग के इस आदेश को तुगलकी फरमान करार दिया है. उन्होंने कहा कि विभाग को इस आदेश को अविलंब वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी नाकारात्मक सोच के साथ शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करना चाहते हैं. तुगलकी फरमान जारी कर आंदोलन के लिए उकसाने का प्रयास किया जा रहा है.

पत्र में कोई त्रुटि नहीं: शिक्षा विभाग के अधिकारी

इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिव कुमार शर्मा ने कहा कि विभाग की तरफ से जारी पत्र में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है, बल्कि शिक्षक इसे दूसरे रूप में ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि आकस्मिक अवकाश का अर्थ आपात स्थिति में छुट्टी लेना नहीं, बल्कि आकस्मिक अवकाश (CAUSAL LEAVE) को लेकर पत्र में जिक्र किया गया है. उन्होंने कहा कि पत्र को लेकर शिक्षकों में जो भ्रांतियां पैदा हो गई हैं, उन्हें जल्द दूर कर दिया जाएगा.  
 

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement