
Bihar Janata Dal United: बिहार की सियासत में इन दिनों सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) चर्चा में है. लगातार चर्चा में बने रहने का एक कारण आरसीपी सिंह हैं. वहीं, दूसरा कारण अजय आलोक सहित आरसीपी सिंह के करीबी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना माना जा रहा है.
पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी इस एक्शन का अंत नहीं हुआ है. जदयू के प्रदेशाध्यक्ष उमेश कुशवाहा इन दिनों एक्शन में हैं. वे ऐसे तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी दे रहे हैं, जो पार्टी विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं या सोशल मीडिया पर ऐसा-वैसा लिख रहे हैं.
उमेश कुशवाहा की मानें, तो अभी और लिस्ट तैयार है. एक-एक करके लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. इसका मतलब साफ है कि अजय आलोक और बाकी लोगों के अलावा भी पार्टी अध्यक्ष की लिस्ट में कई और नाम हैं. इन नेताओं को लगातार बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहेगा.
प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर जो नुकसान पहुंचाने का काम करेगा, उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल 4 लोग इस जद में आए हैं. कुछ और लोगों पर नजर हैं, उन्हें भी जल्दी पार्टी से अलग कर दिया जाएगा.
सियासी गलियारों में चल रही चर्चा पर बोलते हुए कुशवाहा ने कहा कि लोगों को लग रहा है कि पार्टी में उन लोगों को टारगेट किया जा रहा है, जो किसी खास नेता के समर्थक हैं. हालंकि, ऐसा सोचने वाले गलत हैं. जिन्हें भी पार्टी में जिम्मेदारी दी गई है. अगर वो ईमानदार से काम नहीं कर रहे है तो उन्हें पद पर रहने का कोई हक नहीं है.
कुशवाहा ने आगे कहा कि हमारी नजर ना सिर्फ पटना में बल्कि जिला, प्रखंड और प्रदेश में काम कर रहे लोगों पर भी है. जो लोग काम नहीं कर रहे हैं, या पार्टी लाइन के खिलाफ जा रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक पार्टी विरोधी गतिविधोयों को अंजाम देने वालों की पूरी जानकरी जुटा ली है. उन्हें फिलहाल चेतावनी भी दे दी गई है. कुछ लोग तो संभल गए हैं, लेकिन कुछ अभी भी उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाए हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि मंगलवार को JDU प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल 4 लोगों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. चारों ही नेता आरसीपी सिंह समर्थक माने जाते थे.