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जेल से लालू ने किया RJD की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन, राबड़ी इन और शहाबुद्दीन आउट

चारा घोटाले के मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा काट रहे सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया है. बुधवार को 83 सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी की गई. नई सूची के मुताबिक लालू प्रसाद यादव आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष बने रहेंगे.

लालू प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव
राम कृष्ण/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

चारा घोटाले के मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा काट रहे सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया है. बुधवार को 83 सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी की गई. नई सूची के मुताबिक एक तरफ जहां लालू प्रसाद यादव आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष बने रहेंगे, वहीं उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया है.

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राबड़ी देवी पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की उपाध्यक्ष बनी है. राबड़ी के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी को भी पार्टी के उपाध्यक्ष के तौर पर बरकरार रखा गया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राबड़ी को एक तरफ जहां बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी के पूर्व सांसद और माफिया डॉन शहाबुद्दीन को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.

गौरतलब है कि पिछले बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पुनर्गठन के दौरान लालू ने शहाबुद्दीन को कार्यकारिणी का सदस्य बनाया था, जिसके बाद उनके ऊपर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा था. शहाबुद्दीन की जगह उनकी पत्नी हिना शहाब को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है. मगर सबसे दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लालू के परिवार का दबदबा बरकरार है.

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राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में लालू के दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव समेत बड़ी बेटी मीसा भारती की भी एंट्री हो गई है. कहीं ना कहीं आरजेडी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लालू कुनबे की पकड़ साफ देखी जा सकती है. आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पुनर्गठन को लेकर जदयू ने आरजेडी पर हमला बोला है और कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी राजनीतिक दल के सजायाफ्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जेल से ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया है.

शहाबुद्दीन को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखाने को लेकर भी जदयू ने कहा कि सजायाफ्ता होने के बावजूद लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष बने रहेंगे, मगर सजायाफ्ता शहाबुद्दीन को कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है. जदयू ने कहा कि लालू के इस कदम से उनका अल्पसंख्यक प्रेम का पाखंड साफ नजर आता है.

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