
बिहार विधान परिषद के लिए नवनिर्वाचित सभी 24 विधान पार्षदों के द्वारा घोषित शपथ पत्रों का विश्लेषण रिपोर्ट जारी कर दिया गया है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न पर जीत कर सदन पहुंचे 20 विधान पार्षदों की तुलना में चार निर्दलीय विधान पार्षद अरबपति हैं.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्दलीय विधान पार्षदों की औसतन संपत्ति 283 करोड़ रुपए है. बीजेपी के सात विधान पार्षदों की संपत्ति 50 करोड़ से अधिक है. राजद के 6 सदस्यों की संपत्ति 23 करोड़ से ज्यादा है. दूसरी ओर बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू के 5 सदस्यों की संपत्ति 27 करोड़ से अधिक है.
एडीआर की रिपोर्ट में साफ दर्ज है कि नवनिर्वाचित सभी विधान पार्षदों की औसत संपत्ति 75.63 करोड़ के आसपास है. विधान पार्षदों की शपथ पत्रों की जांच और समीक्षा के दौरान ये साफ हुआ है कि 24 विधान पार्षदों में 15 विधान पार्षद अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं. 11 विधान पार्षदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन अपराधों में संगीन अपराध भी शामिल हैं. अपराध की बात करें तो हत्या और हत्या के प्रयास के अलावा रिश्वतखोरी जैसे अपराध भी शामिल हैं.
खास बात ये है कि एक विधान परिषद सदस्य ने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामला भी घोषित कर दिया है. हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों को चार विधान पार्षदों ने घोषित किया है. राजनीतिक दलों के लिहाज से बात करें तो भाजपा के 7 में से 4, राजद के 6 में से 5, जदयू के 5 में से 3 विधान पार्षदों ने खुद के ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं. शैक्षणिक योग्यता को देखा जाए तो 9 ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं घोषित की है.
उधर पार्षदों की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो 14 सदस्यों ने खुद की शैक्षणिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है. एक विधान पार्षद ने अपनी शैक्षणिक योग्यता सिर्फ साक्षर बताया है.