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बड़े लोग शराब पीकर सो जाते हैं और प्रतिष्ठित कहे जाते हैं...जीतनराम मांझी ने शराबबंदी पर उठाए सवाल

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रात में बड़े-बड़े लोग शराब पीते हैं. मैं किसी का नाम नहीं रखना चाहता. यह लोग रात में शराब पीकर सो जाते हैं तो वह प्रतिष्ठित कहे जाते हैं. हमारे आदमी को खाना मिलता नहीं है, शराब का एक पाऊच ले लेता है तो इधर-उधर गिरते चलता है तो लोग पता नहीं क्या-क्या कहते हैं.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी. -फाइल फोटो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • पटना,
  • 22 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST
  • दवा के रूप में शराब लिया जाए तो वो मेडिसिन है: मांझी
  • मांझी बोले- शराब माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने कहा है कि बड़े लोग रात में शराब पीते हैं और सो जाते हैं तो प्रतिष्ठित कहे जाते हैं और हमारा आदमी पाउच पीकर सड़क पर हल्ला करने लगता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है, समीक्षा की जरूरत है.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शराबबंदी पर एक बार फिर सवाल उठाया है. साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार को इस पर समीक्षा करने की भी सलाह दी है. उन्होंने कहा कि रात को बड़े लोग शराब पीकर चुपचाप सो जाते हैं तो प्रतिष्ठित कहलाते हैं जबकि हमारे लोग जो भूख से तड़प रहे होते हैं और पाउच (देशी दारू) पी लेते हैं, सड़क पर चले आते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. इस पर विचार होना चाहिए.

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दवा के रूप में शराब लिया जाए तो वो मेडिसिन है: मांझी

कैमूर पहुंचे मांझी ने मीडिया से वार्ता के दौरान बताया कि शराब को अगर व्यसन के रूप में लिया जाए तो वह खराब है, अगर दवा के रूप में लिया जाए तो वह मेडिसिन है. शराब दो पैग लेना स्वास्थ्य के लिए ठीक है. मेरा सभी से कहना है कि शराब को व्यसन के रुप में नहीं लेना चाहिए, शराब को दवा के रूप में लेना चाहिए.

मांझी बोले- शराब माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती

मांझी ने कहा कि हम अपने लोगों को समझाते हैं कि जैसे बड़े लोग रात को पी कर सो जाता है वैसे तुम लोग भी करो. फिर सुबह में तरोताजा होकर अपना काम करो. सरकार शराब पीने वाले को जेल भेज रही है जो अनर्थ है, इसका हम विरोध करते हैं. जो बड़े तस्कर है जो लाखों लीटर शराब का व्यापार करते हैं, वह खुले में घूमते हैं और जो पीते हैं, उनको जेल भेजा जा रहा. 

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मांझी ने कहा कि अभी हाल ही में एक मजदूर मजदूरी करके वापस आ रहा था और शराब पी लिया था. मजदूर नशे में सड़क पास बैठा हुआ था. इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मी आए और ब्रेथ एनालाइजर लगाकर शराब की पुष्टि की और फिर मजदूर को जेल भेज दिया. मजदूर को 7 साल की सजा हो गई जो पूरी तरह अनर्थ है. जो पहुंच वाले हैं, वह पैसा के बल पर बच जाते हैं, ये सही नहीं है और गरीब को परेशान करना भी उचित नहीं है.

(रिपोर्ट- रंजन कुमार त्रिगुण)

 

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