
चांद पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के सफल लैंडिंग के बाद पूरी दुनिया भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि इसरो का लोहा मान रही है. तमाम देश और उनके प्रतिनिधि इसके लिए भारत और इसरो को बधाइयां दे रहे हैं.
इसी क्रम में बिहार के वन और पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने भी वैज्ञानिक को धन्यवाद देते हुए बताया कि किसकी कृपा से चंद्रयान 3 चांद पर पहुंचने में सफल हो पाया है. तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि चंद्र देवता की कृपा हुई तो चंद्रयान वहां पहुंचा, अगर उनकी कृपा नहीं होती तो चंद्रयान वहां नहीं पहुंच पाता.
तेज प्रताप यादव ने कार्यक्रम के दौरान कहा, 'अच्छी बात है चंद्रयान पहुंच रहा है तो, भगवान का बहुत बड़ा कृपा रहा, जो चंद्र देवता हैं उनकी कृपा हुई तो चंद्रयान-3 वहां पहुंचा, अगर उनका कृपा नहीं होता तो चंद्रयान वहां नहीं पहुंचता. चंद्रयान तो मौसम का और ऊपर अंतरिक्ष में जितने प्लानेट्स हैं सबका पता लगाता है कि कहां क्या है. जो वैज्ञानिक लोग है उनको हम बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं.
आरजेडी नेता ने दी थी नासा को बधाई
बता दें कि इससे पहले आरजेडी के ही नेता और पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने चंद्रयान 3 के चांद पर सफल लैंडिंग के लिए इसरो की जगह नासा को बधाई दे दी थी जिसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. उस वीडियो में शक्ति सिंह यादव ने कहा था कि चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग जो चांद पर हुई है, इसके लिए नासा के सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं, देश के वैज्ञानिकों ने कई बार सफल कार्यक्रम किया है.
23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रयान ने चंद्रमा की धरती पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था. पूरे देश भर में इसका लाइव प्रसारण किया जा रहा था और जैसे ही इसरो के वैज्ञानिकों ने ये कारनाम करके दिखाया पूरा देश जश्न में डूब गया था.
अब आदित्य-एल1 की तैयारी में इसरो
Chandrayaan-3 की सफलता के बाद ISRO अब 2 सितंबर 2023 को आदित्य-एल1 (Aditya-L1) मिशन को लॉन्च करने जा रहा है. लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी. अहमदाबाद में मौजूद इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश एम. देसाई ने कहा कि ये स्पेसक्राफ्ट तैयार है.
नीलेश ने बताया कि यह 15 लाख किलोमीटर की यात्रा 127 दिन में पूरी करेगा. यह हैलो ऑर्बिट (Halo Orbit) में तैनात किया जाएगा. जहां पर L1 प्वाइंट होता है. यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच में स्थित होता है. लेकिन सूरज से धरती की दूरी की तुलना में मात्र 1 फीसदी है. इस मिशन को PSLV रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा.