
बिहार में जातीय सर्वे की रिपोर्ट मंगलवार को सरकार द्वारा विधानसभा के पटल पर रखी गई. इस सर्वे में कई अहम बातें निकलकर सामने आई हैं. जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के 95.49 प्रतिशत लोगों के पास कोई वाहन नहीं है, जबकि केवल 3.8 प्रतिशत लोगों के पास दोपहिया वाहन हैं और मात्र 0.11 प्रतिशत लोगों के पास कारें हैं.
12.48 करोड़ लोगों के पास नहीं हैं वाहन
बिहार जाति सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट जिसमें प्रदेश से पलायन पर भी प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि 45.78 लाख लोग दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं जबकि 2.17 लाख लोग विदेश में रहते हैं. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को पेश की गई उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के 13.07 करोड़ लोगों में से 12.48 करोड़ लोगों के पास कोई वाहन नहीं है.
विदेश में रहते हैं 2.17 लाख
रिपोर्ट में कहा गया है, 'केवल 49.68 लाख लोगों यानि लगभग 3.8 प्रतिशत आबादी के पास दोपहिया वाहन हैं, जबकि केवल 5.72 लाख लोगों यानि 0.11 प्रतिशत के पास चार पहिया वाहन हैं. केवल 1.67 लाख लोगों यानि 0.13 प्रतिशत के पास ट्रैक्टर हैं.' सामान्य वर्ग के 2.01 करोड़ लोगों में से कुल 11.99 लाख के पास दोपहिया वाहन हैं. विदेश गए 2.17 लाख लोगों में से 23,738 उच्च शिक्षा अर्जित कर रहे हैं. दूसरे देशों में काम करने वालों में 76,326 लोग सामान्य वर्ग के हैं.
इसी तरह बिहार के 45,78,669 लोग यानी आबादी का 3.5 फीसदी लोग दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं. बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल में 215 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट पेश की.
आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव
बिहार की नीतीश सरकार आज विधानसभा में आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव लाएगी. इस बिल के मुताबिक, बिहार में अब पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 65% आरक्षण मिलने का प्रावधान है. अभी बिहार में इन वर्गों को 50% आरक्षण मिलता है. जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पेश करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में 65% आरक्षण करने का ऐलान किया था.
बिहार में अभी आरक्षण की सीमा 50% है. EWS को 10% आरक्षण इससे अलग मिलता था. लेकिन, अगर नीतीश सरकार का प्रस्ताव पास हो जाता है तो आरक्षण की 50% की सीमा टूट जाएगी. बिहार में कुल 65 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा. इसके अलावा EWS का 10% आरक्षण अलग रहेगा.