
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत का दौर तो शुरू हो गया है. लेकिन इस बातचीत में अभी भी किसी ने खुलकर अपने पत्ते नही खोले हैं. दोनों पार्टियों में ये तो सहमति है कि साथ-साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन कितनी सीटों पर सहमति बनेगी, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा, जिससे सब सम्मानजनक तरीके से चुनाव लड़ सकें, इसको लेकर जरूर उहापोह की स्थिति है.
मौजूदा परिस्थिति के मुताबिक बिहार की कुल 40 सीटों में से 22 पर बीजेपी के सिटिंग एमपी हैं. उसके बाद एनडीए के घटक दल रामविलास पासवान की पार्टी के पास 6 सीटें और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के पास तीन सीटें हैं. कुल मिलाकर 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 40 सीटों में से 31 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था.
2014 में जेडीयू को महज 2 सीटें मिली थीं. अब जब जेडीयू भी एनडीए का हिस्सा है तो सीटों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है. केवल 7 सीटें ऐसी हैं जो विपक्ष के पास हैं. ऐसे में इन 7 सीटों और 2 जीती हुई सीटों को मिला दिया जाए तो जेडीयू 9 सीटें तो किसी भी तरह से पा सकती है. लेकिन उसकी कोशिश इससे ज्यादा सीट पाने की हैं.
जेडीयू 2013 में बीजेपी से अलग होने से पहले बिहार की 40 सीटों में से 25 पर चुनाव लड़ी थी और बीजेपी को 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, लेकिन 2014 के मोदी लहर में देश के साथ-साथ बीजेपी बिहार में भी मजबूत हुई. ऐसे में अब पहले वाली स्थिति तो जेडीयू को नहीं मिल पायेगी.
हाल ही में नीतीश कुमार ने कहा कि बड़े भाई और छोटे भाई की कोई बात नहीं है, हम एनडीए में हैं और मिलकर चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में भी उन्होंने यह संकेत दिए थे.
जेडीयू के नेताओं का मानना है कि ऐसी परिस्थिति में बीजेपी और जेडीयू 15-15 सीटों पर चुनाव लड़े और दस सीटें रामविलास पासवान और कुशवाहा की पार्टी को मिले. हालांकि बीजेपी शायद इसके लिए तैयार न हो, क्योंकि उसकी सीटिंग सीटें 22 हैं. बीजेपी दो तीन सीटों से ज्यादा की कुर्बानी नहीं दे सकती है. ऐसी परिस्थिति में जेडीयू को 11 या 12 सीटें मिल सकती हैं. चर्चा के मुताबिक दरभंगा और मुंगेर की सीटें जेडीयू ले सकती है, हालांकि मुंगेर की सीट लोकजनशक्ति पार्टी(एलजेपी) के खाते में है.
आरजेडी को मिल सकता है नीतीश पर हमले का मौका
नीतीश कुमार ने भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर महगठबंधन का साथ छोडा था. अब जबकि वो एनडीए के साथ आ गए हैं और पहली वाली स्थिति से उनकी ताकत अगर एनडीए में कम आंकी जाएगी तो आरजेडी को नीतीश पर निशाना लगाने का मौका मिल जायेगा.
ऐसी परिस्थिति में नीतीश कुमार की पार्टी विधानसभा के चुनाव में बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात करके अपना फेस सेविंग कर सकती है. हालांकि जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार ने खुद इस मामले को लेकर थोड़ा नरम रुख अपनाया है. जेडीयू के नेता ये भी कह सकते हैं कि 2 सीटों के बदले उन्हें 12 सीटें मिल रही हैं.