
बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पहले आरसीपी सिंह को किनारे किया और अब उनके करीबियों पर एक्शन शुरू कर दिया है. एक दिन पहले तक मीडिया में नीतीश कुमार की पार्टी का पक्ष रखते नजर आए डॉक्टर अजय आलोक कार्रवाई की जद में आ गए हैं.
जेडीयू ने अजय आलोक के साथ ही पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और विपिन कुमार यादव को तत्काल जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए इनकी प्राथमिक सदस्यता निलंबित कर दी है. भंग समाज सुधार सेनानी के प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेंद्र नीरज को भी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है.
जेडीयू की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि पार्टी के पदाधिकारियों से नीतीश कुमार को मजबूत करने में अपनी ऊर्जा के इस्तेमाल की अपेक्षा की जाती है. पिछले कई महीने से पार्टी के हितों के विपरीत समानांतर कार्यक्रम चलाए जाने और कार्यकर्ताओं को भ्रमित किए जाने की शिकायतें मिल रही थीं. कुछ पदाधिकारियों से बात कर इस तरह के कार्यों से बचने के लिए कहा गया लेकिन इसके बावजूद पार्टी विरोधी गतिविधियां जारी रहीं.
जेडीयू ने अपने प्रवक्ता रहे अजय आलोक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अब बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अजय आलोक को जेडीयू ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है. जेडीयू से निष्कासित किए जाने के बाद अजय आलोक ने इसे लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि मुझे मुक्त करने के लिए धन्यवाद.
अजय आलोक के खिलाफ जेडीयू ने निष्कासन की कार्रवाई क्यों की, इसे लेकर कहा जा रहा है कि आरसीपी सिंह का करीबी होना ही उनको भारी पड़ा. कहा जा रहा है कि आरसीपी सिंह से नजदीकियों के कारण ही अजय आलोक को जेडीयू ने निष्कासित किया.
गौरतलब है कि जेडीयू कोटे से केंद्र की सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह की गिनती कभी सीएम नीतीश के सबसे करीबी नेताओं में होती थी. नीतीश कुमार ने जब जेडीयू की कमान भी आरसीपी सिंह को सौंप दी थी लेकिन बदले हालात में पार्टी में अब वे अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं.