
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में सीएम नीतीश ने लिखा है कि पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न राज्यों में महिलाओं के साथ घटित सामूहिक दुष्कर्म और बाद में जघन्य तरीके से हत्या की घटनाओं ने पूरे देश के जनमानस को प्रभावित किया है. इस तरह की घटनाएं लगभग सभी राज्यों में हो रही हैं.
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि इंटरनेट पर लोगों की असीमित पहुंच के कारण बड़ी संख्या में बच्चे और युवा अश्लील, हिंसक और अनुचित सामग्री देख रहे हैं. इसके प्रभाव के कारण भी कुछ मामलों में ऐसी घटनाएं घटित होती हैं, जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिए जा रहे हैं. विशेष रूप से बच्चों और कम उम्र के कुछ युवाओं के मस्तिष्क को इस तरह की साइट्स गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं.
मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव
सीएम ने लिखा है कि कई मामलों में इस तरह की साइट्स देखकर युवा अपराध कर बैठते हैं. इसके अलावा ऐसी पोर्न साइट्स के ज्यादा उपयोग से लोगों की मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव पड रहा है. जिससे कई प्रकार की सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. वहीं महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है.
नीतीश कुमार ने पत्र में आगे लिखा है, 'हालांकि इस संबंध में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 (यथा संशोधित 2008) कानून बनाए गए हैं लेकिन ये प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के जरिए भी इस संबंध में सरकार को कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं. लेकिन मेरे विचार से अभिव्यक्ति एवं विचारों की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह की अनुचित सामग्री की असीमित उपलब्धता उचित नहीं है.'
जागरूकता अभियान चलाना जरूरी
सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे ऐसे अपराधों के निवारण हेतु प्रभावी कार्रवाई की जानी काफी जरूरी है. इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को भी कड़े निर्देश देने की आवश्यकता है. साथ ही अभिभावकों, शैक्षिक संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से व्यापक जागरूकता अभियान चलाना भी जरूरी हैं.