
बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के साथ ही मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर गहमागहमी शुरू है. इधर, बीजेपी नेता लगातार फार्म में हैं. खासकर सुशील मोदी लगातार सोशल मीडिया और बाकी माध्यमों से नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. सुशील मोदी के एक बयान से जहां जदयू चिढ़ गई है. वहीं नीतीश कुमार भी उस पर पलटवार कर चुके हैं. वो बयान था कि नीतीश कुमार उप राष्ट्र पति बनना चाहते थे. लेकिन जब उनका ये सपना पूरा नहीं हुआ. तब उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया.
नीतीश के अलग होने के तीन बड़े कारण
सुशील मोदी ने गठबंधन टूटने के कारणों का मीडिया से बातचीत में खुलासा किया है. सुशील मोदी ने तीन ऐसे कारण गिनाये हैं, जिसकी वजह से बिहार में सरकार पलट गई और नीतीश तेजस्वी के साथ चले गए. सुशील मोदी ने जो कारण गिनाएं हैं. उसके मुताबिक इसमें नीतीश कुमार के मन के अंदर चल रही बड़ी महत्वाकांक्षा. उसके बाद लालू परिवार की लगातार सत्ता के करीब आने की बेचैनी और ललन सिंह का केंद्र में मंत्री नहीं बनने का जलन. इन तीन वजहों से नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो गए. सुशील मोदी ने ये भी कहा कि ललन सिंह की इसमें बड़ी भूमिका रही. सुशील मोदी की मानें, तो ललन सिंह नीतीश को कई मामलों में भड़काते हैं.
तेजस्वी के हाथ ताकत, नीतीश 'कमजोर' सीएम?
उन्होंने कहा कि मैंने नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा को लेकर बयान दे दिया, उसके बाद जदयू परेशान हो गई है. जानबूझकर मुझ पर बयान देकर राजनीति की जा रही है. जिसका उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. सुशील मोदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 2024 में केंद्र सरकार को शानदार सफलता मिलेगी. जदयू अटल आडवाणी के दौर को याद कर लोगों में भ्रम फैलाने का काम कर ही है. लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि हर बात का एक दौर होता है. दौर के हिसाब से बातें बदलती हैं. सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव डी फैक्टो मुख्यमंत्री हैं और बिहार में उन्हीं की सरकार है. सरकार में अब जो भी होगा, लालू और तेजस्वी चाहेंगे वहीं होगा. नीतीश कुमार केवल मूकदर्शक बने रहेंगे.