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32 साल पुराने मामले में हुई है पप्पू यादव की गिरफ्तारी, दोस्त के प्रेम विवाह से जुड़ा है केस

पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के बाद बिहार और मधेपुरा का राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ है. आइए जानते हैं कि पप्पू को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है? आखिर यह कथित अपहरणकांड है क्या?

मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव (File Photo) मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव (File Photo)
धीरज कुमार सिंह
  • मधेपुरा,
  • 13 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST
  • इस केस में पप्पू के चार साथी हो चुके हैं बरी
  • पप्पू की गिरफ्तारी पर सभी लोग हैरान

जन अधिकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के बाद बिहार और मधेपुरा का राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ है. हर आदमी यह जानना चाह रहा है कि आखिर बाढ़ और कोरोना काल में मसीहा के रूप में लोगों की मदद करने वाले पप्पू को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है? आखिर यह कथित अपहरणकांड है क्या?

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दरअसल, पप्पू यादव ने भले खुद रंजीता रंजन से प्रेम विवाह किया, लेकिन कभी प्यार करने वालों से वो खुद भी चिढ़ते थे. 32 साल पहले मुरलीगंज थाना क्षेत्र के मिडिल चौक से जो कथित अपहरण हुआ, उसके पीछे यही कहानी थी. इस अपहरण की पटकथा मुरलीगंज के केपी कॉलेज में लिखी गयी थी. पप्पू के एक साथी ने प्रेम विवाह किया थे, जिससे पप्पू काफी नाराज थे.

प्रेम विवाह को लेकर हुआ था विवाद
कहा जाता है कि इस बात को लेकर केपी कॉलेज के मैदान में पप्पू यादव और उनके सथियों के बीच विवाद हुआ था. केस के शिकायतकर्ता शैलेन्द्र यादव 32 साल पुरानी घटना को याद करते हुए बताते हैं कि हम लोग साथी ही थे, एक साथी के प्रेम विवाह को लेकर पप्पू काफी नाराज थे, केपी कॉलेज के इसी मैदान में हम सभी के बीच विवाद हो गया.

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शिकायकर्ता बोले- हम तो मान रहे थे कि केस खत्म हो चुका
शैलेंद्र यादव कहते हैं कि अगले दिन मुरलीगंज के मिडिल चौक पर हम लोग पान खा रहे थे, इसी समय पप्पू यादव अपने कुछ साथी के साथ आए थे और हमारे दो साथी को उठा कर ले गए, मैं कुछ समझ नहीं पाया और थाने में आवेदन दे दिया. एक-दो दिन में दोनों साथी सकुशल वापस आ गए. बाद में हम लोग कोर्ट में भी कई बार मेल पिटीशन दिए, जिसमें अन्य आरोपी साथी बरी हो गए.. हम लोग तो यही मान रहे थे कि केस खत्म हो चुका है.

कथित अपहरण के गवाह भी पप्पू की गिरफ्तारी से सकते में
मुरलीगंज थाना कांड संख्या 9/89 में पप्पू को पुलिस ने जेल में डाला है. पप्पू और उसके अन्य साथियों पर रामकुमार यादव और उमा यादव के अपहरण का आरोप है. इसके शिकायतकर्ता शैलेन्द्र यादव थे. इस मामले के एक अन्य गवाह कृतनारायण यादव भी पप्पू की गिरफ़्तारी से सकते में हैं, वे तो सीधे कहते हैं कि भाजपा सांसद के एम्बुलेंस प्रकरण को उजागर करना ही पप्पू को भारी पड़ा और सरकार ने उन्हें साजिश के तहत जेल भेज दिया.

पप्पू की गिरफ्तारी से कॉलेज के प्रोफेसर भी चिंतित
केपी कॉलेज के शिक्षक प्रो. नागेन्द्र यादव को पप्पू की गिरफ़्तारी की सूचना अख़बार से मिली. वे काफी चिंतित हैं. 32 साल पुरानी इस घटना को याद करते हैं वे कहते हैं कि उस समय काफी हल्ला हुआ हुआ था कि पप्पू यादव कॉलेज के दो छात्र का अपहरण कर लिया, लेकिन एक-दो दिन बाद ही हमारे दोनों छात्र सकुशल वापस आ गए थे. बाद में अपहरण की बात छात्रों का आपसी विवाद निकला.

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विरोधी भी गलत मान रहे हैं गिरफ्तारी
पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ़्तारी को उनके विरोधी भी गलत मान रहे हैं. सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर इसे सरकार की तानाशाही बताते हैं. उनका कहना है कि सरकार आज अपने विरोध में उठने वाले हर आवाज को दबाने का काम कर रही है.

इस केस में चार आरोपी हो चुके हैं बरी
खैर 32 साल पुराने जिस मामले में पप्पू यादव आज जेल में हैं, इस केस के अन्य सभी 4 आरोपी बरी हो चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि 1993 में पप्पू का इस केस में बेल टूट गया था. पप्पू कई चुनाव लड़े और संकट के समय लोगों की मदद की, लेकिन पुलिस उसे फरारी बताती रही. ऐसे में इस संकट के समय पप्पू की गिरफ़्तारी कई सवाल खड़े करती है.

 

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