
देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम लगातार जारी है. इस बीच बिहार के पटना से एक दिल दुखाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मेडिकल कॉलेज के छात्र की कोरोना की चपेट में आने के बाद मौत हो गई है.
ये मामला पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज का है, जहां के छात्र शुभेंदु ने कोरोना के कारण अपनी जान गंवा दी. इतना ही नहीं, उसके संपर्क में आए करीब 8 अन्य छात्र में कोरोना से पीड़ित हो गए हैं.
कुछ दिन पहले ही शुभेंदु ने को-वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी. हालांकि, अभी छात्र को दूसरी डोज़ नहीं लग पाई थी.
जानकारी के मुताबिक, 23 साल का शुभेंदु बेगूसराय जिले के दहिया गांव का रहने वाला था और एनएमसीएच (NMCH) में आखिरी साल का छात्र था. उन्होंने 2016 में MBBS की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लिया था.
सर्दी-खांसी की शिकायत के बाद हुआ था कोरोना
बताया जा रहा है कि 24 फरवरी को अचानक शुभेंदु को सर्दी और खांसी की शिकायत हुई जिसके बाद उन्होंने अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया. टेस्ट करवाने के बाद वह अपने गांव चले गए. रविवार को शुभेंदु की कोविड-19 रिपोर्ट आई जिसमें वह पॉजिटिव पाए गए. सोमवार रात को शुभेंदु की बेगूसराय में ही मौत हो गई.
नालंदा मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉ. अजय के मुताबिक, ‘शुभेंदु आखिरी साल के छात्र थे और कोविड-19 जांच कराने के बाद वह अपने घर चले गए थे. सरकार ने भी कई बार कहा है कि जब तक वैक्सीन का दूसरा टीका नहीं लग जाता है, कोविड-19 का पहला टीका केवल कारगर नहीं होता है. शुभेंदु ने पहला टीका ही लिया था. शुभेंदु के संक्रमण की वजह से अब तक 9 और छात्र भी संक्रमित हुए हैं.’
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का भी बयान आया है और उन्होंने शुभेंदु के निधन पर दुख व्यक्त किया है. मंगल पांडे ने कहा कि कोविड-19 की वजह से जिस किसी चिकित्सक या चिकित्साकर्मी की मृत्यु हुई है, वह पीड़ादायक है. एनएमसीएच के छात्र की मृत्यु की खबर मिली तो मैं काफी दुखी हुआ. शुभेंदु के मौत के बाद अन्य छात्रों की भी कोविड-19 पॉजिटिव होने की खबर मिली है. स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर नजर रखे हुए है.