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नदियों को प्रदूषित कर रही चीनी मिलों पर बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई

बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वाले उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की है. 3 चीनी मिलों से कार्रवाई स्वरूप 20- 20 लाख की बैंक गारंटी जमा कराई है. साथ ही 177 औद्योगिक इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इनकी सुनवाई की प्रक्रिया जारी है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे/मोनिका गुप्ता/सुजीत झा
  • पटना,
  • 26 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वाले उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की है. 3 चीनी मिलों पर कार्रवाई करते हुए उनसे 20-20 लाख की बैंक गारंटी जमा करवाई गई है. साथ ही 177 औद्योगिक इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इनकी सुनवाई की प्रक्रिया जारी है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पर्यावरण अधिनियमों और नियमों की अवहेलना करने वाली इकाइयों साथ-साथ राज्य पर्षद की सहमति के बिना उद्योग चलाने वालों पर कार्रवाई तेज कर दी है. राज्य पार्षद ने अप्रैल महीने में जिन 177 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें 163 ब्रिक क्लीन की 163 इकाई हैं. 8 राइस मिल हैं. साथ ही टोबैको हॉट मिक्स और तेल मिल की एक-एक इकाई शामिल है.

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दूषित पानी नदियों में गिराने को लेकर जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 33ए के तहत निर्देश जारी करते हुए रीगा सुगर मिल को 20 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवाई है, ताकि भविष्य में दूषित जल नदी में गिराने की गलती मिल न करे.

रीगा चीनी मिल अपने इकाई का दूषित पानी मनुष्यमारा नदी में गिराकर उसे दूषित कर रही है. इसी तरह राज्य पर्षद ने मझौलिया चीनी मिल एवं न्यू स्वदेशी चीनी मिल नरकटियागंज पश्चिम चंपारण को क्रमश कोहरा और हरबोरा नदी को प्रदूषित करते पाए जाने के कारण 20 लाख की बैंक गारंटी जमा करने का निर्दश दिया है.

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