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'नीतीश ने स्वीकारा JDU और उनके चेहरे पर चुनाव नहीं जीत पाएंगे,' बोले प्रशांत किशोर

बिहार में उद्योग धंधे और रोजगार के संबंध में प्रशांत किशोर ने कहा कि अब तक दो जिलों में घूम कर मैंने पाया कि लगभग 60 प्रतिशत से अधिक युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्य पलायन कर गए हैं. उन्होंने कैश डिपोजिट (सीडी) रेसियो का जिक्र करते हुए कहा- देश के अग्रणी राज्यों में सीडी रेसियो का अनुपात 90% तक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 40% है.

प्रशांत किशोर. (फाइल फोटो) प्रशांत किशोर. (फाइल फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 17 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

जन सुराज पदयात्रा 77वें दिन शिवहर पहुंच गई है. शनिवार को पदयात्रा की शुरुआत पुरनहिया स्थित शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई, उसके बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश ने तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान कर ये स्वीकार कर लिया है कि जदयू और उनके चेहरे पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है. उन्होंने कहा- लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार का लगभग 25 लाख करोड़ रुपए दूसरे राज्यों में चला गया है. प्रशांत ने कहा- बिहार में लोग लोन लेने के लिए घूस देते हैं.

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बता दें कि अब तक पदयात्रा के जरिए प्रशांत किशोर करीब 850 किमी से ज्यादा पैदल चल चुके हैं. इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अब तक 300 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. शिवहर में वे लगभग 8 से 10 दिन रुकेंगे और अलग अलग गांवों-प्रखंडों में जाएंगे.

बिहार में उद्योग धंधे और रोजगार के संबंध में प्रशांत किशोर ने कहा कि अब तक दो जिलों में घूम कर मैंने पाया कि लगभग 60 प्रतिशत से अधिक युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्य पलायन कर गए हैं. उन्होंने कैश डिपोजिट (सीडी) रेसियो का जिक्र करते हुए कहा- देश के अग्रणी राज्यों में सीडी रेसियो का अनुपात 90% तक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 40% है. इसका मतलब है कि अगर बिहार में लोग 100 रुपए बैंक में जमा करते हैं तो उसमें से केवल 40 रुपए बिहार के लोग ऋण के तौर पर ले सकते हैं. आज बैंकों से लोन भी लेने पर बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 

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'अगर युवाओं को लोन मिलता तो...'

उन्होंने कहा- बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां होम लोन के लिए घूस देना पड़ रहा है. दूसरे राज्यों में होम लोन के लिए बैंक प्रचार प्रसार करती है, वहीं बिहार में लोग लोन मिले इसके लिए घूस देते हैं. आज लोन न मिलने की वजह से युवा खुद के कोई व्यवसाय की शुरुआत नहीं कर पा रहे हैं. अगर इन्हें लोन मिलता तो छोटी-मोटी दुकान खोल यह अपने आय का साधन खोज पाते. प्रशांत ने आगे कहा- लालू-नीतीश के शासनकाल में बिहार का लगभग 25 लाख करोड़ रुपए दूसरे राज्यों में चला गया, जिसके कारण आज बिहार में मजदूर का लड़का मजदूर बन रहा है. 

'नीतीश कुमार की विश्वसनीयता प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं'

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने का ऐलान किया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि आज राजद महागठबंधन में सबसे बड़े दल के तौर पर है. नीतीशजी को आज ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए, ताकि बिहार की पूरी जनता तेजस्वी की काबिलियत को देख सके. तेजस्वी के पास भी 3 साल काम करने का अवसर रहेगा. बिहार की जनता भी देख सकेगी कि तीन वर्षों में तेजस्वी यादव कितना काम कर पाते हैं? 

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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. उम्र उन पर हावी है और वे सामाजिक और राजनीतिक तौर पर हताश हो चुके हैं, इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. बिहार उनकी जागीर नहीं है. नीतीश कुमार की विश्वसनीयता प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं है और जदयू डूबता जहाज है.

'तेजस्वी के कलम की स्याही सूख गई या कलम टूट गई'

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर तंज कसा और कहा- तेजस्वी यादव की कलम टूट गई है या स्याही सूख गई है, जिस कारण से नौकरी नहीं दे पा रहे हैं. बीते दिन बिहार के लोगों ने जरूर देखा कि BTET और CTET पास किए लड़कों को डाक बंगला चौराहे पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इन नेताओं को अगर 10 लाख नौकरी देनी होती तो इन BTET-CTET पास किए शिक्षकों को नौकरी एक कलम से दे दी होती. झूठे वादे करना लोगों को बरगलाना, भ्रम में रखना इनकी पुरानी आदत है.

प्रशांत किशोर ने आज पदयात्रा कैंप में पिपराही और पुरनहिया प्रखंड के जन सुराज समिति के सदस्यों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, महिलाओं और युवाओं से मुलाकात की और जन सुराज की सोच के बारे में विस्तार से बताया.

 

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