
बिहार में लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों में बाढ़ के हालात हो गए हैं. खासकर नेपाल से आने वाले पानी की वजह से सीमावर्ती जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इस बीच पूर्वी चंपारण के डीएम रमण कुमार की कुछ तस्वीर सामने आई हैं. जिसमें तटबंध को बचाने के लिए खुद ही बालू से भरा बोरा उठाते दिखाई दे रहे हैं.
पूर्वी चंपारण जिले के पूर्वी भाग के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. वहां के तटबंधों पर दबाव लगातार बना हुआ है. पूर्वी चंपारण के डीएम रमण कुमार खुद तटबंधों पर नजर रखे हुए हैं. वहीं उनकी कई तस्वीर सामने आई है जिसमें वे तटबंध को बचाने को लेकर खुद ही बालू से भरा बोरा उठाकर देखे जा रहे हैं.
यह तस्वीर जिले के पचपकड़ी के खोड़ीपाकड की है, जहां डीएम रमण कुमार अपने मातहतों के साथ पहुंचे और खुद बोरी में भरे बालू को उठाकर घाट तक ले जाने लगे. डीएम के देखकर कई अन्य अधिकारी भी इस काम में जुट गए हैं.
मोतिहारी समेत पूर्वी चंपारण के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति हो गई है. मोतिहारी में इस बार रिकार्ड बारिश हुई है और पिछले 50 सालों का रिकार्ड टूट गया हैं. सभी नदी, तालाब लबालब भर गए हैं. नेपाल से आ रहे पानी मे लगातार वृद्धि से पताही प्रखंड के 10 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया हैं. लोगों ने राहत और समुचित रोशनी की सरकार से की मांग. स्थानीय लोगों की आशंका है कि इस बार 2007 में आई प्रलयंकारी बाढ़ से भी ज्यादा भयंकर बाढ़ आ सकती हैं.
इस आशंका से पूर्वी चम्पारण के डीएम रमण कुमार तटबंधों को बचाने में लगे हैं. हालांकि यह काम डीएम साहब ने पहले किया होता तो शायद अपने पीठ पर बोरी ढोने की नौबत नहीं आती. हालांकि लगातार बारिश की वजह से हालात बिगड़ रहे हैं. पूर्वी चम्पारण पहला जिला है जहां भारी बरसात को लेकर धारा 144 लागू किया गया हैं.