
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल में चल रही उठापटक के बीच अब रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने की कोशिश शुरू चुकी है. रघुवंश सिंह की नाराजगी के चलते ही बाहुबली रामा सिंह की आरजेडी में एंट्री को टाल दिया गया है. हालांकि, सोमवार को रामा सिंह आरजेडी की सदस्यता लेने का सपना संजोए थे, लेकिन रघुवंश प्रसाद के विरोध के चलते पार्टी ने आनन-फानन में इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया.
रामा सिंह ने हाल ही में तेजस्वी यादव से मुलाकात कर आरजेडी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी. इस पर तेजस्वी से मिली हरी झंडी के बाद रामा सिंह अपने लाव-लश्कर के साथ सोमवार को पार्टी का दामन थामने वाले थे. रामा सिंह की आरजेडी में एंट्री की बात सामने आने के बाद लालू यादव के करीबी और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने बगावत कर दी. उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
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रामा सिंह की एंट्री और रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे की घटना ने इतना तूल पकड़ा कि इस मामले में पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा है. इसके बाद तेजस्वी ने पार्टी में डैमेज कंट्रोल की नीति को अपनाते हुए फिलहाल रामा सिंह की सोमवार को पार्टी में होने वाली एंट्री को टाल दिया है.
दरअसल, रघुवंश प्रसाद और रामा सिंह की लड़ाई दोनों राजपूत नेताओं के बीच वर्चस्व और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर है. रामा सिंह ने एलजेपी उम्मीदवार के तौर पर रघुवंश प्रसाद सिंह को लोकसभा के चुनाव में करारी शिकस्त दी थी. यही कारण है कि रघुवंश सिंह रामा सिंह की आरजेडी में एंट्री का विरोध कर रहे हैं. दूसरी ओर आरजेडी सवर्ण कद्दावर नेता के तौर पर रामा सिंह को एक बड़े चेहरे के तौर पर देख रही है. लिहाजा, चुनाव से पहले ही तेजस्वी उनको अपनी पार्टी में शामिल करने का मन बना चुके हैं.
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रघुवंश प्रसाद आरजेडी के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जिन्होंने पार्टी को बुलंदी पर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है. रघुवंश आरजेडी के उन गिने-चुने नेताओं में से एक हैं जिनपर कभी भी भ्रष्टाचार या गुंडागर्दी के आरोप नहीं लगे. लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कमी हो गई है.
रघुवंश प्रसाद ही वह चेहरा माने जाते हैं जो पार्टी के उम्रदराज कार्यकर्ताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने में अहम भूमिका अदा करते रहे हैं. ऐसे में उनकी नाराजगी आरजेडी और तेजस्वी यादव के लिए काफी मंहगी पड़ सकती है. यही वजह है कि अब रघुवंश प्रसाद को मनाने की कवायद के तौर पर ही रामा सिंह की एंट्री को टाल दिया गया है.