
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आज दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल नहीं होंगे. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से इस अधिवेशन में शामिल होने से इनकार किया. वहीं बीजेपी ने जगदानंद सिंह को पुत्र मोह से पीड़ित बताया है.
दिल्ली में आज राष्ट्रीय जनता दल का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है. इसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मौजूद रहेंगे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह इसमें भाग नहीं लेंगे. हालांकि सूत्रों का कहना है कि खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने इस सम्मेलन में शामिल होने का इरादा छोड़ दिया है.
बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के दिल्ली में पार्टी राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग नहीं लेने पर कहा कि लालू यादव की तरह वह भी पुत्र मोह से पीड़ित हैं. दरअसल कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए सुधाकर सिंह को मजबूर किया गया था, जोकि जगदानंद सिंह के बेटे हैं. इसलिए जगदानंद सिंह आरजेडी से नाराज बताए जा रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार, जगदानंद सिंह ने पहले ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. हालांकि दिल्ली में हो रहे पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन की वजह से आरजेडी नेताओं की ओर से इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन लालू यादव नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकते हैं.
बीते 2 अक्टूबर को सुधाकर ने दिया इस्तीफा
जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने बीते 2 अक्टूबर को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उनके पिता ने इस्तीफे को लेकर कहा कि था कि सुधाकर ने किसानों के लिए आवाज उठाई, लेकिन आवाज उठाने के साथ-साथ बलिदान भी देना पड़ता है. इसीलिए कृषि मंत्री ने इस्तीफा दिया.
कृषि विभाग के अधिकारियों को लेकर दिया था बयान
आरजेडी कोटे से नीतीश कैबिनेट में शामिल हुए सुधाकर सिंह तब चर्चा में आए, जब उन्होंने बयान दिया था कि कृषि विभाग में कई चोर लोग हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अपने आप को उन चोरों का सरदार करार दिया. सुधाकर सिंह ने कहा कि उनके ऊपर भी और कई सरदार मौजूद हैं. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने जनता को संबोधित करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को भी फटकार लगाई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुधाकर सिंह के बीच तकरार सार्वजनिक रूप से सामने आ गई थी. दरअसल बीते महीने नीतीश कुमार ने कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बिना ही कृषि विभाग की समीक्षा बैठक कर ली थी. इस बैठक में प्रधान सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
सीएम नीतीश ने दी थी नसीहत
कृषि मंत्री के 'चोरों के सरदार' वाले बयान पर नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को नसीहत दी थी कि वो ऐसे बयान देने से बचें. लेकिन उन्होंने कैबिनेट की बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी थी, जब नीतीश ने उनसे ही पूछा था कि कृषि विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है, सभी अधिकारी चोर हैं और वह खुद "चोरों का सरदार" थे.