
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के कड़ी फटकार के बाद अपना सरकारी बंगला 5, देशरत्न मार्ग खाली कर दिया है. पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसे उन्होंने बंगला बचाने के लिए दायर किया था. इस पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की खंडपीठ ने तेजस्वी यादव की याचिका को कोर्ट का समय नष्ट करने वाला बताते हुए उन पर ₹50,000 का जुर्माना भी ठोका था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में तेजस्वी को सरकारी बंगला 7 दिनों के अंदर खाली करने का फरमान सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का अनुपालन करते हुए मंगलवार देर रात तेजस्वी यादव ने 5, देशरत्न मार्ग बंगला खाली कर दिया. खास बात यह रही कि उनके बंगला खाली करने की जानकारी किसी को नहीं हुई और रातों रात इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दे दिया गया.
बुधवार सुबह तेजस्वी के घर की तस्वीर काफी हद तक बदल चुकी थी. इस बंगले के दो मुख्य द्वार पर से तेजस्वी का नेम प्लेट भी हटा लिया गया था. इस बंगले के बाहर तेजस्वी की बड़ी-बड़ी तस्वीरें और बैनर पोस्टर लगे थे, उन सब को भी रातों-रात हटा लिया गया.
अभी मां के साथ बंगले में रह रहे
जानकारी के मुताबिक, बंगला खाली करने के बाद से ही तेजस्वी अपनी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड पर ही रह रहे हैं. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव को इस समय बुखार भी है जिसकी वजह से वह लोगों से मिलजुल भी नहीं रहे हैं.
2017 में आरजेडी के सत्ता से बेदखल होने के बाद नई सरकार ने तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री के तौर पर आवंटित इस बंगले को खाली करने का फरमान सुनाया था मगर सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए तेजस्वी ने पहले पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की. पटना हाईकोर्ट में इस बंगले को बचाने में असफल रहने के बाद तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी मगर वहां भी पुणे मायूसी हासिल हुई.
नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव को एक, पोलो रोड का बंगला आवंटित किया जा चुका है. सवाल यह उठता है कि क्या तेजस्वी आने वाले दिनों में अपनी मां के साथ 10 सर्कुलर रोड में ही रहेंगे या फिर उन्हें आवंटित बंगले में शिफ्ट होंगे.