
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में जनता दल यूनाइटेड सक्रिय हो गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट में जिस तरीके से बिहार को कई मामलों में फिसड्डी दिखाया गया है, उसके बाद से ही नीतीश एक दशक से भी पुरानी मांग को फिर से उठा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग तेज की तो उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भी साफ कर दिया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिए पार्टी अब व्यापक आंदोलन चलाएगी.
जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और इसके लिए पार्टी पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू करेगी. कुशवाहा ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट अपने आप में यह साफ करती है कि बिहार अभी पिछड़ा हुआ है और इसको विशेष राज्य दर्जा दिए जाने की जरूरत है.
उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करके कहा, ''अपनी रिपोर्ट में नीति आयोग ने बिहार को अति पिछड़ा दिखाया है. अब कहीं कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में तीव्र विकास के बावजूद बिहार पिछड़ा है, इसीलिए विशेष राज्य का दर्जा आवश्यक है, जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे.''
जनता दल यूनाइटेड के तरफ से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर आंदोलन की धमकी दी गई तो बीजेपी ने भी पलटवार किया और कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी राजनीतिक फायदा लेने के लिए आंदोलन की बात कह रही है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने सवाल पूछा कि जब देश में विशेष राज्य दर्जा दिए जाने का प्रावधान ही समाप्त हो चुका है तो फिर जेडीयू के आंदोलन का क्या मतलब है ?
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, ''देश में विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रावधान समाप्त हो चुका है और जब यह प्रावधान ही समाप्त हो चुका है तो फिर आंदोलन क्यों किया जाए ? विशेष राज्य का दर्जा अब नहीं दिया जा सकता है इसीलिए बिहार को विशेष पैकेज दिया गया है.''