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बिहार में विपक्ष की मोर्चेबंदी- मंत्री राम सूरत राय के इस्तीफे की मांग, स्कूल से शराब मिलने का आरोप

शनिवार की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि अमरेंद्र कुशवाहा नाम के शख्स को इस केस में फंसाया जा रहा है. तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि अगर स्कूल के लिए जमीन किराए पर अमरेंद्र कुशवाहा को दी गई थी तो स्कूल रामसूरत राय के पिता के नाम पर क्यों है? उन्होंने कहा कि कुशवाहा स्कूल के संस्थापक नहीं हैं बल्कि हेडमास्टर हैं और स्कूल का रखरखाव करते हैं.

 आरजेडी नेता तेजस्वी यादव. (फाइल फोटो) आरजेडी नेता तेजस्वी यादव. (फाइल फोटो)
उत्कर्ष कुमार सिंह
  • पटना,
  • 13 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST
  • तेजस्वी बोले- अमरेंद्र को झूठे फंसाया जा रहा
  • राम सूरत राय से कहा दिखाएं एग्रीमेंट पेपर और बिजली का बिल
  • स्कूल से बरामद हुई थी शराब की खेप

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मंत्री रामसूरत राय को शराब के मुद्दे पर घेरा है. तेजस्वी ने एक तरफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन पर आरोप लगाए तो दूसरी तरफ सड़क पर उतरकर पैदल मार्च भी किया. इसके अलावा आरजेडी विधायकों ने विधानसभा में प्रदर्शन किया.

तेजस्वी यादव ने कहा कि रामसूरत राय का झूठ सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि ''जिस स्कूल से शराब बरामद की गई थी. उस स्कूल को लेकर रामसूरत राय का कहना है कि वो स्कूल उनके भाई हंस लाल राय के नाम पर नहीं है लेकिन बिजली का बिल उन्हीं के नाम से आता है.'' हम मांग करते हैं कि रामसूरत राय कागजात दिखाएं, अगर जमीन को अमरेंद्र कुशवाहा नाम के शख्स को स्कूल चलाने के लिए किराए पर दिया गया था तो उससे संबंधित कागज दिखाए जाएं.

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तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जिस शख्स ने पुलिस को कॉल करके स्कूल में शराब होने की जानकारी दी थी, पुलिस ने मंत्री के भाई को बचाने के लिए उसे ही जेल में डाल दिया. तेजस्वी ने कहा, 'इस मामले में एक फिल्मी कहानी की तरह स्क्रिप्ट लिखी गई है. रामसूरत राय ने कहा कि वो इस विद्यालय के संस्थापक नहीं हैं, ये उनके भाई की जमीन है जो उन्होंने लीज दी हुई है जहां कोई और स्कूल चलाता है. जबकि बिजली का बिल हँसलाल जी के नाम पर आता है, यानी ये जमीन उनके नाम पर ही है.'

तेजस्वी ने कहा कि जिस स्कूल से शराब मिली, उसका नाम 'अर्जुन मेमोरियल ज्ञान मंदिर है, रामसूरत राय के पिता का नाम अर्जुन राय है. पूछा कि कोई दूसरा व्यक्ति जमीन लीज पर लेकर मंत्री के पिता के नाम पर स्कूल क्यों चलाएगा? यानी मंत्री रामसूरत राय साफ-साफ झूठ बोल रहे हैं.

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तेजस्वी ने मंत्री रामसूरत राय से एग्रीमेंट के पेपर सार्वजनिक करने की मांग की. साथ ही जिस अकाउंट में लीज के पैसे आए, उसको भी सामने लाने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की ताकि वो अपने पद का दुरुपयोग करके सबूतों को नष्ट न करें.

तेजस्वी ने बताया कि ये घटना 8 नवंबर की रात की है. FIR में एक ट्रक का जिक्र किया गया है, उसका नंबर भी दिया हुआ है. जब शराब उतारी जा रही थी, तो स्कूल के हेड मास्टर अमरेंद्र कुशवाहा ने थाने में फोन करके जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने मंत्री के भाई प्रेमचंद उर्फ हंसलाल को कॉल करके भी सूचित किया. तेजस्वी ने कहा कि मंत्री दावा कर रहे हैं कि यही अमरेंद्र शराब का काम करता था, जबकि हकीकत ये है कि सरकार के दबाव में उसी अमरेंद्र को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अमरेंद्र की कॉल डिटेल्स पेश करे.

तेजस्वी ने दावा किया कि अमरेंद्र कुशवाहा के परिजनों ने मुख्यमंत्री, DGP और प्रशासन के सभी बड़े अधिकारियों को 12 नवंबर को ही चिट्ठी लिखकर इस मामले में अपने अमरेंद्र को फंसाने की सूचना दी. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और बेगुनाह को फंसा दिया गया.

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इस खुलासे के दौरान गिरफ्तार अमरेंद्र कुशवाहा के भाई अंशु भास्कर भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि ''2017 में इस स्कूल की स्थापना हुई थी, मालिक मंत्री के भाई हंसलाल ही थे. हमारे भाई अमरेंद्र और मंत्री के भाई हंसलाल के बीच ये बात हुई थी कि स्कूल का संचालन और देखरेख मेरे भाई अमरेंद्र करेंगे. कोई लीज नहीं हुई थी.''

अंशु ने बताया कि ''8 नवंबर को शराब आई थी, मेरे भाई ने हंसलाल को कॉल की और साथ ही थाने में भी जानकारी दी. लेकिन पुलिस ने उनके भाई को ही गिरफ्तार कर लिया. हमने पुलिस से मेरे भाई की कॉल डिटेल्स पेश करने की गुजारिश की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.''

अंशु ने दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों को चिट्ठियां लिखीं लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और उनके भाई को ये पूरा मामला अपने ऊपर लेने के लिए कहा. चूंकि ये मामला सामने आने के बाद से ही मंत्री रामसूरत राय बार-बार दावा कर रहे हैं कि ये स्कूल उनका नहीं है, बल्कि जमीन उनके भाई के नाम पर है जहां कोई और स्कूल चलाता है. मंत्री ने ये भी दावा किया था कि उनका उनके भाई प्रेमचंद उर्फ हंसलाल के साथ पिछले 10 साल से कोई संबंध नहीं है. जिसे लेकर तेजस्वी ने कुछ तस्वीरें दिखाई और दावा किया कि ये तस्वीरें स्कूल के उद्घाटन के समय की हैं, जहां खुद मंत्री रामसूरत राय मौजूद हैं.

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मंत्री रामसूरत राय पहले कह चुके हैं कि अगर ये आरोप सही साबित हुए तो वो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि आज के इन आरोपों पर उनका जवाब आना बाकी है. आज वो भी प्रेस कांफ्रेंस करके इन आरोपों पर सफाई दे सकते हैं

 

बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते विपक्ष के नेता.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमरेंद्र कुशवाहा के भाई अंशु ने कहा कि 12 नवंबर को उनके परिवार ने सीनियर पुलिस अधिकारियों को भी पत्र लिखा था. मार्च 11 को जब सदन में इस मामले को उठाया गया था तो दोनों लोगों ने अंशु को धमकी भी दी थी. अंशु के मुताबिक उनसे कहा गया था कि शराब बरामद होने के मामले में अगर उन्होंने आरोप कुशवाहा के ऊपर नहीं लिए तो उनके परिवार के साथ अच्छा नहीं होगा. अमरेंद्र के भाई ने दावा किया कि जैसे 11 मार्च को उन्हें धमकी मिली थी, उसी तरह आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बार उनके पूरे परिवार पर हमला हो सकता है.

तेजस्वी यादव का निशाना

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि मंत्री रामसूरत राय को लेकर जो सवाल हमने उठाए थे, उसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. बिहार में शराबबंदी की हकीकत को लेकर हमने काफी चर्चा की है. हमने सबूतों के आधार पर अपनी बात रखी. रामसूरत राय के भाई हंसलाल के ऊपर FIR होती है लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. सरकार ने कहा था कि शराबबंदी कानून में जहां से भी शराब बरामद होगी वहां थाने खुलेंगे. नवंबर में शराब मिली लेकिन अब तक न तो गिरफ्तारी हुई, न थाना खुला.

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उधर, शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री को लेकर आरजेडी विधायकों ने बिहार विधानसभा में प्रदर्शन किया. इस दौरान विधायकों ने कहा कि इस सरकार में शराब माफियाों को संरक्षण मिल रहा है.

 

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