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बिहार उपचुनाव: गोपालगंज सीट पर महागठबंधन की परीक्षा, हर हाल में जीत चाहती है BJP

बिहार की गोपालगंज विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है. गोपालगंज सीट के लिए 3 नवंबर को मतदान होना है और इससे पहले सत्ताधारी महागठबंधन और विपक्षी बीजेपी के नेताओं में बयानी जंग तेज हो गई है.

गोपालगंज सीट पर विधानसभा उपचुनाव में कड़ा मुकाबला गोपालगंज सीट पर विधानसभा उपचुनाव में कड़ा मुकाबला
aajtak.in
  • पटना,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 7:54 AM IST

बिहार विधानसभा की रिक्त चल रही गोपालगंज सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का गठबंधन टूटने के बाद हो रहे इस उपचुनाव में मतदान 3 नवंबर को  होना है. इस सीट को जीतने के लिए सत्ताधारी महागठबंधन के साथ ही विपक्षी बीजेपी, दोनों ही खेमे पूरा जोर लगा रहे हैं. इस सीट के लिए उपचुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.

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दरअसल, 2020 के बिहार चुनाव में इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी अपनी सीट बचाए रखने के लिए जोर लगा रही है तो वहीं सत्ताधारी गठबंधन की अहम घटक राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ये सीट छिनने के लिए. बीजेपी ने गोपालगंज सीट से कुसुम देवी और RJD से मोहन गुप्ता चुनाव मैदान में हैं.

RJD के नेता दावा लालू यादव का गृह जिला होने के कारण गोपालगंज सीट पर चुनाव प्रचार में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं, बीजेपी को विधायक रहे सुभाष सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी कुसुम देवी को सहानुभूति के वोट मिलने की आस है. सुभाष सिंह के निधन से ही ये सीट रिक्त हुई थी. बीजेपी ने सुभाष सिंह की पत्नी को ही टिकट दिया है.

RJD के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए गोपालगंज उपचुनाव में अपनी पार्टी की जीत का दावा किया है. उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार की बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि बीजेपी की जमानत भी नहीं बचेगी. आरजेडी नेता के बयान पर बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने पलटवार किया है.

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बिहार बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा है कि गोपालगंज हमारा गढ़ है. इस सीट पर बीजेपी 2005 से ही जीत रही है. उन्होंने कहा कि सुभाष सिंह लोकप्रिय नेता थे. गोपालगंज की जनता उपचुनाव में महागठबंधन को मुंहतोड़ जवाब देगी और अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए हमारे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करेगी.

महागठबंधन बनने के बाद पहली परीक्षा

गौरतलब है कि बिहार की गोपालगंज के साथ ही मोकामा सीट के लिए भी उपचुनाव हो रहे हैं. इन सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होना है. करीब दो महीने पहले जेडीयू के महागठबंधन में शामिल होने और नए गठबंधन की सरकार के गठन के बाद ये नीतीश कुमार की पहली चुनावी परीक्षा है. BJP और RJD के अलावा, बहुजन समाज पार्टी ने लालू यादव के साले अनिरुद्ध यादव उर्फ ​​साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने असलम मुखिया को उम्मीदवार बनाया है.

आरजेडी ने AIMIM को बताया बीजेपी की B टीम

शुक्रवार को गोपालगंज में मुस्लिम बहुल इलाकों में आरजेडी उम्मीदवार के लिए सूबे की सरकार में मंत्री मोहम्मद इस्माइल मंसूरी भी उतरे. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताया और दावा किया कि अल्पसंख्यकों का वोट आरजेडी उम्मीदवार को ही मिलेगा.

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