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एक फेक Video और NSA... Youtuber मनीष कश्यप पर यूं कसता गया पुलिस का शिकंजा

यूट्यूबर मनीष कश्यप पर बिहार के बाद अब तमिलनाडु पुलिस ने भी शिकंजा कस दिया है. मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु में एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है. बता दें कि फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले को लेकर मनीष पर बिहार में केस दर्ज किया गया था. इसके बाद बिहार और तमिलनाडु में काफी बवाल मचा.

Youtuber मनीष कश्यप. (File Photo) Youtuber मनीष कश्यप. (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

Manish Kashyap News: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं. तमिलनाडु पुलिस ने मनीष पर एनएसए के तहत कार्रवाई की है. इससे पहले बिहार में मनीष पर केस दर्ज किया गया था. मनीष को फेक वीडियो पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले के फर्जी वीडियो शेयर किए थे.

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बीते दिनों बिहार से लेकर तमिलनाडु तक बवाल मच गया था. दरअसल, तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमला किए जाने का वीडियो सामने आया था. यह मामला सुर्खियों में आने के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने जांच करवाई, जिसमें पता चला कि मजदूरों पर कोई हमला नहीं हुआ. इस मामले के बीच मनीष कश्यप नाम का शख्स काफी चर्चा में है. 6 मार्च को यूट्यूबर मनीष सहित 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.

बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप के कुछ ट्वीट्स के बाद बिहार और तमिलनाडु में बवाल मच गया था. इसके बाद बिहार पुलिस ने यूट्यूबर पर केस दर्ज कर उसके चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था. 

दरअसल, मनीष कश्यप ने कई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे, और दावा किया था कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ हमले हो रहे हैं. इसके बाद पुलिस ने जांच की और दावा किया कि ऐसा कुछ नहीं है.

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कौन है यूट्यूबर मनीष कश्यप?

बता दें कि मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण के डुमरी महनवा गांव में हुआ. मनीष खुद को 'सन ऑफ बिहार' (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. अपने नाम के पीछे वो 'कश्यप' लगाता है. हालांकि ज्यादातर जगहों पर 'मनीष' लिखता है. मनीष की शुरुआती शिक्षा गांव से ही हुई. उसने साल 2009 में 12वीं पास की. इसके बाद में महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से उच्च शिक्षा पूरी हुई. मनीष ने साल 2016 में पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में BE किया. इसके दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर वीडियो बनाने लगा.

2020 में चुनाव लड़ चुका है मनीष

साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में मनीष ने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया था. मनीष के पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रहे हैं.

क्या था पूरा मामला?

सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारियों के खिलाफ हमले हो रहे हैं, जिसमें दो बिहारी मजदूरों की मौत भी हो गई. सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए. इसके बाद तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के बीच दहशत का माहौल बन गया था. इन वीडियो को सच मानकर बिहार के मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया और मुख्य सचिव व डीजीपी को मामले की जांच का आदेश दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु गई थी, जहां मामले की पड़ताल की गई.

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जांच कराई तो फर्जी निकला था मामला

जांच के दौरान पता चला था कि सोशल मीडिया पर जितने भी खबरें और वीडियो चल रहे हैं, वह सभी फर्जी हैं. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ. जब इस बात का खुलासा हुआ कि सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और खबरें डाली जा रही हैं तो इसको लेकर बिहार पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया. इसमें यूट्यूबर मनीष कश्यप भी शामिल था. तमिलनाडु से जुड़े फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के मामले में जब मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो वह भड़क गया था.

केस दर्ज होने के बाद तेजस्वी यादव पर साधा था निशाना

मनीष कश्यप ने केस दर्ज होने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधा था. मनीष ने कहा था कि तेजस्वी यादव के परिवार के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी के मामले में सीबीआई छापेमारी से ध्यान भटकाने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई. मनीष कश्यप ने कहा था कि वह डरने वाला नहीं है. 

मनीष पर पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई थाने में विभिन्न धाराओं में मनीष कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. मनीष का विवादों से पुराना नाता रहा है. वह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है. साल 2019 में पश्चिम चंपारण में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर में स्थित किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था. इस मामले को लेकर मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें साझा की थीं और राष्ट्रवाद के नाम पर मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन किया था. इस मामले में जेल जाना पड़ा था.

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मनीष के चार बैंक खातों को किया जा चुका है फ्रीज

तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत पर एक्शन लिया था. दोनों के बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए थे.

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बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज करा दिया था. इसमें कुल 42.11 लाख रुपये की राशि है. बिहार पुलिस का कहना है कि मनीष के SBI के खाते में 3,37,496 रुपये, IDFC BANK के खाते में 51,069 रुपये, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 रुपये हैं. इसके अलावा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रुपये जमा हैं.

'बिहार में जक्कनपुर की बंगाली कॉलोनी में शूट किया गया था वीडियो'

इस मामले को लेकर एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा था कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो असत्य पाए गए, जो घटनाओं को गलत तरीके से पेश कर रहे थे. इस मामले में केस दर्ज किया गया. 10 सदस्यीय जांच दल ने मामले की जांच की. कुल 30 वीडियो और पोस्ट को चिह्नित किया गया. उन्होंने कहा था कि एक और वीडियो 8 मार्च को शेयर किया गया. 

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वीडियो को अपलोड करने वाले राकेश रंजन कुमार से पूछताछ की गई, जिसमें बताया कि 6 मार्च को ये फर्जी वीडियो अपने दो साथियों के साथ बनाया था. इसे जक्कनपुर की बंगाली कॉलोनी में शूट किया था. ये बातें जांच में साबित हो गईं. यह गंभीर अपराध है. इसमें एक सेपरेट एफआईआर मनीष कश्यप, राकेश रंजन और उनके दो साथियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज कराई.

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