
बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन और महागठबंधन में फूट के बाद अब पिछले 20 महीने से सहयोगी रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव एक-दूसरे के खिलाफ हल्ला बोल की मुद्रा में हैं. नीतीश कुमार ने आज जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विस्तार से अपना पक्ष रखा और महागठबंधन टूटने के लिए लालू यादव को जिम्मेदार ठहराया, वहीं लालू यादव ने भी एक के बाद एक चार ट्वीट कर नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
लालू यादव ने कहा कि नीतीश पर 302, हत्या और आर्म्स ऐक्ट का केस है लेकिन फिर भी कंबल ओढ़कर व दूसरों को मायावी छवि का सफ़ेद कंबल ओढ़ाकर God of Morality बना हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि एक व्यक्ति की नृशंस हत्या करने व 302 के तहत हत्या के संगीन जुर्म में आरोपित नीतीश को CM बनते वक़्त अंतरात्मा ने पुकारा था या कुर्सीआत्मा ने?
लालू ने मोदी के लहजे में ट्वीट किया कि मित्रो, क्या हत्या जैसे संगीन जुर्म में आरोपित मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बैठने का नैतिक अधिकार है जहां केस ही सीएम बनाम बिहार राज्य हो? उन्होंने लिखा कि ये हम नहीं बल्कि हत्या का गवाह कैमरे पर मीडिया वाले को कह रहा है कि नीतीश ने गोली चलाई और मुख्यमंत्री बनने के बाद दबाव देकर केस को दबा दिया.