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'बिहार में बढ़ रहा PFI और कट्टरपंथी संगठनों का दायरा,' NIA की छापेमारी को लेकर शाहनवाज हुसैन बोले

पटना के फुलवारीशरीफ में पीएफआई के दफ्तर में आतंकी ट्रेनिंग कैंप का भंडाफोड़ हुआ था. यहां युवाओं को देश में हिंसा और वैमनस्य फैलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. पुलिस को मौके से कई दस्तावेज मिले थे, जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश का जिक्र था. पीएम नरेंद्र मोदी के पटना दौरे पर भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश थी. इसके बाद यह केस एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था.

बिहार में कट्टरपंथी संगठनों के प्रसार को लेकर बीजेपी नेता ने जताई चिंता (फाइल फोटो) बिहार में कट्टरपंथी संगठनों के प्रसार को लेकर बीजेपी नेता ने जताई चिंता (फाइल फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 09 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST

एनआईए ने पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई टेरर मॉड्यूल को लेकर गुरुवार को नालंदा, कटिहार, अररिया, मधुबनी, पटना, वैशाली, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सारण समेत 9 जिलों में आरोपियों और संदिग्धों से जुड़े 20 ठिकानों पर दबिश दी थी. अब एनआईए की कार्रवाई को लेकर बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने चिंता जाहिर की है. हुसैन ने साफ कहा है कि बिहार में जिस तरह के हालात पनप रहे हैं और जिस तरह के लोग यहां पांव पसार रहे हैं, वो पूरी तरह चिंता का विषय है. 

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शाहनवाज ने साफ कहा कि जिस तरह एजेंसी बिहार के जिलों में छापेमारी कर रही है. इसका मतलब ये है कि राज्य में पीएफआई और कट्टरपंथी संगठनों का दायरा बढ़ रहा है. बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसे कट्टरपंथियों की वजह से समाज को बहुत नुकसान हो चुका है. इनका पांव पसारना बिहार के लिए खतरे का विषय है. 

कट्टरपंथी संगठनों को रोकने के लिए लोगों को आगे आना होगा

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये कट्टरपंथी संगठन युवाओं को गुमराह कर उन्हें अंधकार में धकेल रहे हैं. इसे रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा और इसमें अहम भूमिका निभानी होगी.

इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार सरकार से पीएफआई का संबंध जोड़ते हुए बहुत बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन इसलिए टूटा कि केंद्रीय एजेंसियों ने पीएफआई पर लगाम लगाना शुरू कर दिया था.

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एनआईए ने दर्ज की हैं दो अलग-अलग एफआईआर

फुलवारी शरीफ मामले में NIA ने 2 अलग अलग FIR दर्ज की हैं.  NIA ने एक एफआईआर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम से पहले रची गई साजिश के मामले में दर्ज की है. इस FIR में 26 संदिग्ध हैं. 14 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में छापेमारी की गई थी. छापेमारी में भारत को इस्लामिक राज्य बनाने के लिए कट्टरपंथी समूह पीएफआई के 'मिशन 2047' के बारे में दस्तावेज जब्त किए गए थे.

दूसरी FIR एनआईए ने गजवा-ए-हिन्द मॉड्यूल की जांच के मामले में केस दर्ज की है. इस ग्रुप का मुख्य आरोपी मरगूब अहमद दानिश है. दोनों मामलों का एक-दूसरे से लिंक है. NIA ने पूरी साजिश को समझने के लिए और पीएफआई के लिंक कार्रवाई सख्त कर दी है.

एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एफआईआर में मौजूद संदिग्धों में कई ऐसे हैं, जिनके सीधे तौर पर पीएफआई (PFI) यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध हैं. जिसके लिंक की जांच एनआईए गहराई से कर रही है. यही वजह है कि एनआईए फुलवारी शरीफ के मामले में 32 जगहों पर छापेमारी कर रही है.

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