
बिहार में बीजेपी नेताओं को सवर्णों की नाराजगी बार-बार झेलनी पड़ रही है. चाहे बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हों या फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय. हर किसी को जगह जगह विरोध स्वरूप काले झंडे का सामना करना पड़ रहा है. सवर्णों की नाराजगी का प्रमुख कारण एससी/एसटी एक्ट तो है ही साथ ही पटना में उन पर हुए लाठी चार्ज से भी वे आहत हैं.
अब भाजपा नेताओं पर सवर्णों की नाराजगी का असर दिखने भी लगा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि पटना में प्रदर्शन के दौरान सवर्णों पर पुलिस लाठीचार्ज की कोई जरूरत नहीं थी. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस को लाठीचार्ज नहीं करना चाहिए था. उन्होंने अपने प्रति सवर्णों की नाराजगी पर भी सफाई दी.
बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे भागलपुर के रहने वाले हैं. कुछ दिन पहले भागलपुर से दिल्ली जाने के लिए वे नौगछिया स्टेशन पर आए थे. वहां सवर्ण सेना ने उनको काला कपड़ा दिखा कर अपना विरोध जताया था. इस संबंध में अश्विनी चौबे ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने तय किया है कि एससी-एसटी एक्ट का कोई दुरुपयोग न करें. जहां तक सवर्णों की नाराजगी का सवाल है या काला कपड़ा दिखाने का सवाल है तो यह सब कन्फ्यूजन में किया जा रहा है. उनका कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा. जिन लोगों ने मुझे काला कपड़ा दिखाया बाद में उन्हीं लोगों ने मेरे साथ भारत माता की जय भी बोला.
दरअसल 6 सितंबर को भारत बंद के दौरान पुलिस ने पटना में प्रदर्शन कर रहे सवर्णों पर जम कर लाठियां चलाईं थीं. पुलिस लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए थे. जिसके बाद सवर्ण समुदाय में भाजपा के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा.
सवर्णों पर हुए लाठी चार्ज को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. सवर्ण बिरादरी बीजेपी का वोट बैंक रहा है लेकिन बिहार में सरकार में रहते हुए पुलिस ने जिस तरह से अत्याचार किया इसे लेकर नाराजगी है.