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मानसून सत्र से पहले भाजपा ने शुरू की नीतीश की घेराबंदी, कहा-CM की हालत अपहृत विमान के पायलट जैसी

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होने वाला है और उससे ठीक पहले अब भाजपा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घेराबंदी शुरू कर दी है.

बीजेपी की तैयारी बीजेपी की तैयारी
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 26 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 4:36 AM IST

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होने वाला है और उससे ठीक पहले अब भाजपा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घेराबंदी शुरू कर दी है.

भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी है वह कि आगामी मानसून सत्र को चलने नहीं देगा जब तक तेजस्वी अपने पद से इस्तीफा नहीं दे देते हैं. वहीं दूसरी तरफ भाजपा नीतीश के ऊपर भी दबाव बना रहा है, ताकि अगर तेजस्वी खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दें.

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इसी क्रम में भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री की हालत अपहृत विमान के पायलट जैसी हो गई है. मोदी ने कहा कि महागठबंधन बनने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने नीतीश को महागठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठाने में आनाकानी की और अब लालू चाहते हैं कि महागठबंधन की गाड़ी को भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढे वाली सड़कों पर उतार दी जाए.

गौरतलब है कि आरजेडी नेता तस्लीमुद्दीन ने 2 दिन पहले नीतीश पर आक्रामक तेवर इख्तियार करते हुए कहा था कि नीतीश भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का गुणगान ऐसे करते हैं मानो वह खुद दूध के धुले हों. आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन के इसी बयान पर मोदी ने कहा कि तेजस्वी को बचाने के लिए आरजेडी अब यह कुतर्क दे रही है कि बिहार में सरकारी दफ्तरों में अब भी भ्रष्टाचार जारी है और इसी वजह से भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करना महज दिखावा है.

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एक बात तो तय है कि इस बार बिहार विधानसभा का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहने की आशंका है, क्योंकि बीजेपी ने एक ओर जहां स्पष्ट कर दिया है कि जब तक तेजस्वी यादव अपने पद से इस्तीफा नहीं देते हैं वह सदन को चलने नहीं देंगे, वहीं दूसरी ओर आरजेडी ने भी साफ कर दिया है कि तेजस्वी किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे. ऐसे में सबकी निगाहें अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिकी है और इस बात की जानकारी भी मिल रही है कि तेजस्वी को लेकर मानसून सत्र से पहले ही नीतीश कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.

 

 

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