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बिहार में जाति सर्वेक्षण शुरू, मई तक सर्वे पूरा करने की समय सीमा

राज्य में सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को दी गई है और यह कवायद दो चरणों में की जाएगी. पहले आवासीय घरों और परिवारों की गिनती के साथ जो आज से शुरू हुई है और 21 जनवरी तक जारी रहेगी. इस चरण में, आवासीय घरों और परिवारों की सूची के अलावा, परिवार के मुखिया का नाम और घर के सदस्यों की संख्या का भी दस्तावेजीकरण किया जाएगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण करने की कवायद शनिवार से शुरू हो गई है. इसके लिए बिहार सरकार ने 5 लाख से अधिक कर्मचारियों को काम पर लगाया है. जिन्हें इसके लिए बकायदा पिछले दिनों ट्रेनिंग भी दी गई थी. बिहार सरकार ने मई तक जातीय सर्वेक्षण का काम समाप्त करने का लक्ष्य रखा है. दरअसल, पटना में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में वार्ड नंबर 27 से जाति सर्वेक्षण कराने का काम शुरू हुआ. पटना में डॉ. जाकिर कमाल रिजवी का परिवार जातीय सर्वेक्षण में नाम दर्ज होने वाला पहला परिवार बना.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण की शुरुआत पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि इससे सरकार को कम विकसित लोगों के उत्थान के लिए नीति और रणनीति बनाने में मदद मिलेगी. राज्य में सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को दी गई है और यह कवायद दो चरणों में की जाएगी. पहले आवासीय घरों और परिवारों की गिनती के साथ जो आज से शुरू हुई है और 21 जनवरी तक जारी रहेगी. इस चरण में, आवासीय घरों और परिवारों की सूची के अलावा, परिवार के मुखिया का नाम और घर के सदस्यों की संख्या का भी दस्तावेजीकरण किया जाएगा.

सर्वेक्षण का दूसरा चरण 1 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलेगा. दूसरे चरण में प्रगणक लोगों की जाति, उप जाति, धर्म और वार्षिक आय सहित परिवार की आर्थिक स्थिति से संबंधित डेटा एकत्र करेंगे. राज्य सरकार ने मई 2023 तक जाति आधारित सर्वेक्षण कराने की पूरी प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है. जिला स्तर पर सर्वेक्षण कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारियों को दी गई है. जिन्हें इस कार्य के लिए उनके जिलों में नोडल अधिकारी नामित किया गया है.

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सर्वेक्षण करने का कार्य सामान्य प्रशासन विभाग एवं जिलाधिकारियों, ग्राम स्तर, पंचायत स्तर एवं उच्च स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्यालयों के कर्मचारियों को सौंपा जायेगा. जीएडी 'जीविका दीदियों' और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लेगा. जीएडी ने यह भी निर्णय लिया है कि जब सर्वेक्षण किया जा रहा है और किसी भी कारण से यदि बिहार के कुछ निवासी राज्य या देश से बाहर हैं तो उनकी गणना की जाएगी.

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने की शुरुआत का स्वागत किया और कहा कि इस कवायद से सरकार को वैज्ञानिक आंकड़े मिलेंगे ताकि लोगों के लिए बजट और सामाजिक कल्याण योजनाओं की योजना बनाई जा सके.

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