
बिहार में सियासी बदलाव के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय ( ED) के रडार पर विरोधी दलों के नेता आ गए हैं. सीबीआई और ईडी ने बुधवार को बिहार से लेकर झारखंड तक कई जगह छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि नौकरी के बदले जमीन मामले में आरजेडी के चार नेता केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर आ गए हैं और उनके घरों पर रेड पड़ी है.
बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले सीबीआई की टीम ने आरजेडी के कोषाध्यक्ष व एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व MLC सुबोध राय, राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के आवास पर छापेमारी की है. सीबीआई रेड के दौरान आरजेडी नेताओं के घर पर सीआरपीएफ को भी तैनात किया गया है. आरजेडी के इन चारों ही नेताओं को पार्टी के फंड रेजर के तौर पर भी जाना जाता है.
आरजेडी के कोषाध्यक्ष सुनील सिंह
पहल बात आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह की, जिनके घर पर बुधवार सुबह सीबीआई की रेड पड़ी है. छापे के दौरान सुनील सिंह अपने आवास के बालकनी में नजर आए. सुनील सिंह आरजेडी के कोषाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य हैं. सुनील सिंह को लालू प्रसाद यादव के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है और तेजस्वी यादव के भी भरोसेमंद माने जाते हैं. वो बिहार के छपरा से आते हैं और क्षत्रीय समुदाय से आते हैं. छपरा के सोनपुर से विधायक रह चुके हैं और आरजेडी के दिग्गज नेता प्रभुनाथ सिंह के समधी हैं. इतना ही नहीं पूर्व सांसद विनय सिंह के भाई हैं सुनील सिंह. भोजपुर बेल्ट में बिहार के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं और आरजेडी के फंड रेजर माने जाते हैं.
बिहार के आर्थिक फैसलों का सेंटर माने जाने वाले बिस्कोमान भवन के सुनील सिंह तीसरी बार अध्यक्ष हैं. बिस्कोमान भवन को कमाई का अड्डा माना जाता है. वहीं, सुनील सिंह की पत्नी ने सीबीआई छापों को बदले की कार्रवाई बताया है. सुनील सिंह ने कहा कि मुझे बाहर कर दिया है और मेरे घर में घुस गए.
पूर्व एमएलसी सुबोध राय
सीबीआई ने आरजेडी के पूर्व एमएलसी सुबोध राय के घर पर भी छापेमारी की है. लालू यादव परिवार के करीबी माने जाने वाले सुबोध राय हाजीपुर से आते हैं और यादव समुदाय से दिग्गज नेता हैं. सुबोध इसी साल वैशाली सीट से एमएलसी का चुनाव लड़े थे, लेकिन एलजेपी के कैंडिडेट से हार गए थे. हालांकि, इससे पहले वो इसी वैशाली सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. सुबोध राय को आरजेडी के जोड़तोड़ वाला नेता माना जाता है और अब सीबीआई के रडार पर वो आ गए हैं.
आरजेडी सांसद अशफाक करीम
आरजेडी के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के घर भी सीबीआई की रेड पड़ी है. वो आरजेडी के फाइनेंसर माने जाते हैं और बिहार के कटिहार मेडिकल कॉलेज के मालिक हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अलकरीम युनिवर्सिटी भी स्थापित की है. लालू यादव के खिलाफ नीतीश कुमार ने समता पार्टी का गठन किया था तो अशफाक करीम भी उनके साथ शामिल थे. हालांकि, नीतीश के साथ लंबी पारी नहीं खेल सके और बाद में राम विलास पासवान की एलजेपी का दामन थाम लिया. अशफाक की सियासी महत्वकांक्षा ने उन्हें कांग्रेस में भी पहुंचाया.
अशफाक सियासत में सत्ता के शिखर को छूना चाहते थे. उनके द्वारा तमाम पार्टियों को वित्तीय सपोर्ट करने की चर्चा राजनीति के गलियारे में खूब दिलचस्पी से सुनी और सुनाई जाती है. लेकिन दशकों तक कई सियासी दर पर दस्तक दे चुके अशफाक करीम को किसी ने भी सियासत की सीढ़ी चढ़ने में सहायता नहीं दी. ऐसे में वो खुद चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने के लिए कूद गए, पर वो हार गए. सियासत ने करवट ली और लालू प्रसाद ने उन्हें राज्य सभा पहुंचाया. आरजेडी के लिए फंड की व्यवस्था करने वाले नेताओं में अशफाक करीम को गिना जाता है.
आरजेडी सांसद फैयाज अहमद
सीबीआई ने आरजेडी सांसद डॉक्टर फैयाज अहमद के मधुबनी स्थित घर पर छापा मारा है. फैयाज अहमद इसी साल आरजेडी से राज्यसभा पहुंचे हैं. इससे पहले 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर मधुबनी की बिस्फी सीट से विधायक रह चुके हैं. अशफाक करीम की तरह फैयाज अहमद भी मेडिकल कॉलेज चलाते हैं और उनके कॉलेज का नाम मधुबनी के केशोपुर में मधुबनी मेडिकल कॉलेज है. इसके अलावा वो कई स्कूल, बीएड कॉलेज समेत कई शिक्षण संस्थान चलाते हैं. लालू यादव के करीबी नेताओं में उन्हें गिना जाता है और मिथिलांचल में आरजेडी का मजबूत चेहरा हैं. हालांकि, उन्होंने अपना सफर जेडीयू से शुरू किया था और 2005 में बिस्फी सीट से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन जीत नहीं सके थे.
आरजेडी नेता अबु दोजाना
वहीं, दूसरी ओर अबु दोजाना के ठिकाने पर भी अभी छानबीन जारी है. दोजाना की कंपनी उस मॉल का कंस्ट्रक्शन कर रही है, जिसे तेजस्वी यादव का बताया जा रहा है. अबु दोजाना भी आरजेडी के नेता हैं. सीतामढ़ी के सुरसंड से आरजेडी के विधायक रह चुके हैं. पटना के सगुना मोड़ पर बनाए जा रहे बिहार के सबसे बड़े मॉल का काम भी यही कंपनी कर रही है. इससे पहले आयकर विभाग ने करोड़ों रुपये की स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी में अबु दोजाना से पूछताछ कर चुकी है.