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छपरा: जहरीली शराबकांड का मास्टरमाइंड दिल्ली से गिरफ्तार, 80 से ज्यादा लोगों की हुई थी मौत

छपरा जहरीली शराबकांड के मास्टरमाइंड को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी राम बाबू को पकड़ा है. छपरा में जहरीली शराब पीने से 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई थी.

अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST

बिहार के छपरा में जहरीली शराबकांड के मास्टरमाइंड को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. नकली शराब बनाने वाले मास्टरमाइंड को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है.

आरोपी का नाम राम बाबू है जिसकी उम्र 35 साल है. बता दें कि जहरीली शराब पीने की वजह से छपरा में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

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मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस को इसकी सूचना दे दी है. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने शराब में केमिकल डालकर उसे तैयार किया था जिसे पीने की वजह से कई लोगों की जान चली गई थी.

छपरा में जहरीली शराब से 80 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद शासन प्रशासन ने पटना से लेकर सारण-छपरा तक में तोबड़तोड़ छापेमारी की थी. बिहार तो बिहार यूपी में भी अवैध शराब शराब की भट्टियां तोड़ी गई थी. गैर कानूनी तरीके से बनाई गई हजारों लीटर शराब बहाई गई थी. छपरा के आस-पास गंगा के किनारे नाजायज शराब की भट्टियों को ध्वस्त किया गया था.

कैसे बनती है जहरीली शराब

गैर कानूनी देसी शराब का कारोबार करनेवाले धंधेबाज कभी जानबूझ कर शराब को जहरीला नहीं बनाते. बल्कि ये बन जाती है. क्योंकि जहरीली शराब से मौतें भी तय है और मौतों से ना सिर्फ उनका धंधा चौपट हो सकता है, बल्कि उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.

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असल में धंधेबाज सब चीज़ों को मिला कर पीने लायक इथाइल एल्कोहल बनाना चाहते हैं, लेकिन ऑक्सीटोसिन, मेथेनॉल और यूरिया जैसी चीजें इस इथाइल एल्कोहल को कब मिथाइल एल्कोहल में बदल देती है, बनानेवाले को भी पता नहीं चलता और इन्हें धोखे से पीनेवाले लोगों की जान जाने लगती है. 

6 साल में देश में जहरीली शराब से 7000 मौत!

जहरीले शराब से होने वाली मौतें सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं हैं. बल्कि पिछले छह सालों में अलग-अलग राज्यों में 7 हज़ार से ज्यादा लोग जहरीली शराब के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकडों के मुताबिक देश भर में 2016 से 2021 तक यानी छल सालों में कुल 6,954 लोगों की मौत हो चुकी है. 
 

 

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