
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो-टूक शब्दों में कहा है कि राज्य विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर बहस होनी चाहिए. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) का समर्थन किया था.
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) का समर्थन किया था. सीएम नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि देश में एनआरसी लागू करने का कोई सवाल ही नहीं है. एनआरसी को लेकर देश में कोई चर्चा नहीं है और पीएम नरेंद्र मोदी भी इस बारे में स्पष्टीकरण दे चुके हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि असम के मामले में NRC है, देश के मामले में कोई चर्चा ही नहीं है. बिहार विधानसभा में सिर्फ सीएए पर बहस होनी चाहिए.
हालांकि उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर विधानसभा में डिबेट पर सहमति जताई. इस बीच नागरिकता कानून को लेकर जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने एक दिन पहले एक ट्वीट करके ऐलान किया था कि बिहार में किसी भी हाल में नया नागरिकता कानून और एनआरसी लागू नहीं होगा.
संसद में था JDU का समर्थन
प्रशांत किशोर ने यह बात तब कही कि जब संसद के दोनों सदनों में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) का पुरजोर समर्थन करते हुए इसे पास कराने में बीजेपी की मदद की थी.
3 दिन पहले ही केंद्र सरकार ने पूरे देश में नया नागरिकता कानून के लागू होने की अधिसूचना जारी कर दी थी. केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि केंद्र के बनाए गए इस नए कानून को सभी राज्यों को भी लागू करना पड़ेगा.
साथ ही नीतीश कुमार ने देश में जाति आधारित जनगणना की भी मांग की. उन्होंने कहा कि देश में 1930 के बाद जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है.