
बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो चुकी है. शुरूआत में 5 लोगों की मौत हुई थी और दोपहर तक एक और व्यक्ति की मौत हो गई थी. 2 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. घटना पर सीएम नीतीश कुमार ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, ''यह दुखद घटना है, मैंने इस मामले में पूरी जानकारी मांगी है.'' वहीं, इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
दरअसल, मोतिहारी जिले के लक्ष्मीपुर में गांव में आज जहरीली शराब का कहर दिखने को मिला. शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई. घटना पर चंपारण रेंज डीआईजी जयंत कांत का कहना है कि इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, जांच के लिए एफएसएल और राज्य आबकारी विभाग की टीमों को लगाया गया है.
छपरा में भी जहरीली शराब पीने से गई थी 100 लोगों की जान
इससे पहले दिसंबर 2022 में बिहार के छपरा समेत कई जिलों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि राज्य में शराबबंदी लागू है और अगर जहरीली शराब पियोगे तो मरोगे. उन्होंने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.
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विधानसभा में हुआ था जमकर हंगामा
जहरीली शराब के मुद्दे पर जब बीजेपी ने नीतीश को घेरा तो विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. इसके बाद नीतीश कुमार को गुस्सा आया और वे बीजेपी पर आगबबूला होते नजर आए थे. नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि आप सभी पहले शराबबंदी के पक्ष में थे. अब क्या हो गया है?
बिहार में शराबबंदी का नियम क्या है?
शराबबंदी नीति में हुए संशोधन के मुताबिक, बिहार में पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर दोषियों को 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना भरने के बाद रिहा किया जाएगा और जेल नहीं होगी. यदि पहली बार अपराधी दंड का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसे एक महीना जेल में बिताना पड़ेगा. यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब का सेवन करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे एक साल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. अब तक शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 3.8 लाख मामले दर्ज किए गए. इनमें से सिर्फ चार हजार मामलों का ही निस्तारण किया गया है.